जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत ने बुधवार को पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई भ्रामक टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताते हुए स्पष्ट किया कि जब कोई देश निर्दोष लोगों की हत्या करवाने वाले आतंकियों को पनाह देता है, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई करना केवल अधिकार नहीं, बल्कि राष्ट्र का कर्तव्य होता है।
“दुनिया अब पाकिस्तान की चालों को समझने लगी है”
भारत की ओर से परिषद में बोलते हुए प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान की बनावटी बातों और झूठे बयानों को अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय गंभीरता से नहीं लेता। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या पाक प्रायोजित आतंकियों द्वारा की गई, जो उनके परिवारों के सामने अंजाम दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस हमले की तीव्र निंदा की और हमलावरों व उनके समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान के दावों को खारिज
त्यागी ने ऑपरेशन सिंदूर को गलत रूप में प्रस्तुत करने की पाकिस्तानी कोशिश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों के संहार के जिम्मेदार आतंकियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई को गलत ठहराना निरर्थक है। उन्होंने कहा, “जब आतंकियों को पनाह दी जाती है, तो जवाब देना विकल्प नहीं बल्कि ज़िम्मेदारी बन जाता है।”
आतंकवाद पर पाकिस्तान की भूमिका उजागर
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रोत्साहित करने और उसे समर्थन देने के आरोप लगाए। भारत ने उदाहरण देते हुए कहा कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तानी सेना की छावनी में शरण मिली थी और कई अंतरराष्ट्रीय आतंकियों को राजकीय सम्मान से दफनाया गया। भारत ने पाकिस्तान द्वारा खुद को आतंकवाद का शिकार बताने को पाखंड करार दिया।
सिंधु जल संधि के दुरुपयोग पर भारत की नाराज़गी
भारत ने पाकिस्तान पर 1960 की सिंधु जल संधि का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का भी आरोप लगाया। भारत ने कहा कि उसने छह दशक तक इस संधि का पूरी तरह पालन किया, लेकिन पाकिस्तान की ओर से बार-बार आतंकवाद को बढ़ावा दिए जाने से अब इस पर पुनर्विचार आवश्यक हो गया है। अप्रैल में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने जैसे निर्णय भी लिए।
संधि की शर्तों के उल्लंघन का नतीजा भुगतना पड़ेगा
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और पाकिस्तान के आतंकी रुख जैसे कारणों ने सिंधु जल संधि की समीक्षा को अनिवार्य बना दिया है। जब कोई देश संधि की मूल भावना को ही तोड़ देता है, तो उसे उस समझौते के संरक्षण की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के विरुद्ध ठोस कार्रवाई
भारत ने बताया कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक कब्जे वाले क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा गया था। इस अभियान का उद्देश्य सीमापार से हो रहे आतंकी हमलों पर रोक लगाना था। 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति बनी थी।
Read More: यूपी प्रशासन में बड़े फेरबदल की तैयारी, शीर्ष अधिकारियों के नामों पर मंथन तेज