पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की शानदार जीत के बाद नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित NDA शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।
नीतीश कुमार के साथ सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नए मंत्रिमंडल में बीजेपी के 14 और जेडीयू के 8 विधायक मंत्री बने हैं। इसके अलावा LJP (R) से 2, हम (HAM) से 1 और RLM से 1 विधायक मंत्री बने हैं।
जातीय संतुलन पर ध्यान
नीतीश कुमार ने नए मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को भी ध्यान में रखा। कुल 26 मंत्री में शामिल हैं:
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दलित: 5
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वैश्य: 4
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कुर्मी: 3
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राजपूत: 4
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भूमिहार: 2
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ब्राह्मण: 1
यह कदम बिहार की सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
जनादेश और चुनाव परिणाम
बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को हुई थी। NDA को कुल 202 सीटें मिलीं। पार्टीवार सीट वितरण इस प्रकार रहा:
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भाजपा: 89
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जेडीयू: 85
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LJP (रामविलास): 19
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हम (HAM): 5
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RLM: 4
चयनित मंत्रियों में प्रमुख नाम और जातीय विवरण इस प्रकार हैं:
| क्रमांक | मंत्री का नाम | जाति |
|---|---|---|
| 1 | सम्राट चौधरी | कुशवाहा |
| 2 | विजय कुमार सिन्हा | भूमिहार |
| 3 | विजय कुमार चौधरी | भूमिहार |
| 4 | बिजेन्द्र प्रसाद यादव | यादव |
| 5 | श्रवण कुमार | कुर्मी |
| 6 | मंगल पांडेय | ब्राह्मण |
| 7 | डॉ. दिलीप जायसवाल | वैश्य |
| 8 | अशोक चौधरी | दलित |
| 9 | लेशी सिंह | राजपूत |
| 10 | मदन सहनी | निषाद |
| 11 | नितिन नवीन | कायस्थ |
| 12 | राम कृपाल यादव | यादव |
| 13 | संतोष कुमार सुमन | दलित |
| 14 | सुनील कुमार | दलित |
| 15 | जमां खान | मुस्लिम |
| 16 | संजय सिंह ‘टाइगर’ | राजपूत |
| 17 | अरुण शंकर प्रसाद | वैश्य |
| 18 | सुरेन्द्र मेहता | कुशवाहा |
| 19 | नारायण प्रसाद | वैश्य |
| 20 | सुमित निषाद | निषाद |
| 21 | लखेंद्र रोशन पासवान | दलित |
| 22 | श्रेयसी सिंह | राजपूत |
| 23 | डॉ. प्रमोद कुमार | वैश्य |
| 24 | संजय कुमार पासवान | दलित |
| 25 | संजय कुमार सिंह | राजपूत |
| 26 | दीपक प्रकाश | कुशवाहा |
नीतीश कुमार का यह नया कार्यकाल NDA की मजबूत स्थिति और सामाजिक संतुलन के साथ राज्य में स्थिर सरकार की उम्मीदें बढ़ाता है।