नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि भारत की सुरक्षा चुनौतियों की जड़ पाकिस्तान की सेना और उसके आतंकवाद समर्थक ढांचे में है। जयशंकर ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सेना न सिर्फ राजनीतिक नियंत्रण रखती है, बल्कि कई आतंकी समूहों को सक्रिय समर्थन भी देती है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जैसे पाकिस्तान में “अच्छे और बुरे आतंकवादी” की थ्योरी है, वैसे ही वहां सैन्य नेतृत्व को लेकर भी इसी तरह की श्रेणियां बन चुकी हैं। यह टिप्पणी पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को इशारों में जवाब देने के रूप में देखी जा रही है।

पाकिस्तान ने विदेश मंत्री के बयान पर कड़ा विरोध जताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने इसे “उकसाने वाला, बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना” बताया और पाकिस्तान की सेना को राष्ट्रीय सुरक्षा का स्तंभ बताया।

स्मरण रहे कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के आतंकी हमले के जवाब में किया गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और उसके अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। चार दिनों तक पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से भारत पर हमले की कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा और वायुसेना ने विफल कर दिया। इसके बाद भारत ने पलटवार करते हुए पाकिस्तान के नौ एयरबेस और महत्वपूर्ण ठिकानों पर बमबारी की, जिससे पाकिस्तान को संघर्ष विराम के लिए बातचीत पर मजबूर होना पड़ा।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के अनुसार, ऑपरेशन में पाकिस्तान के दर्जनभर सैन्य विमान, जिनमें अमेरिकी एफ-16 शामिल थे, नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए। भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान की समस्या उसकी राजनीतिक व्यवस्था नहीं, बल्कि वह सैन्य तंत्र है जो सीमापार आतंकवाद को रणनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करता है।

इस बयान और ऑपरेशन के बाद भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मसले पर स्पष्ट संदेश भेजा है।