अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि 9 जुलाई के बाद दुनिया भर के देशों को टैरिफ में कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि टैरिफ पर 90 दिनों की अस्थायी छूट को आगे बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। यह समयसीमा व्यापार वार्ता के लिए तय की गई थी। ट्रंप ने दो टूक कहा कि यदि कोई देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं करता, तो उसे आयात शुल्क देना ही होगा।
रविवार को एक टीवी इंटरव्यू में ट्रंप ने बताया कि अमेरिका तय समयसीमा के खत्म होने से पहले संबंधित देशों को नोटिस भेजेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि अमेरिका से व्यापार करने की अनुमति तो दी जा रही है, लेकिन इसके लिए 10 से 50 फीसदी तक टैरिफ देना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा, “हम यह देखेंगे कि कौन-सा देश अमेरिका के साथ व्यवहार में ईमानदार है और कौन नहीं। जिन देशों से फर्क नहीं पड़ता, उन्हें बस अधिक शुल्क देना होगा।”
90 दिनों में 90 डील की योजना
व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने माना कि हर देश से अलग-अलग समझौता करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य 90 दिनों में 90 व्यापारिक सौदों का है। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दुनियाभर के करीब 200 देशों से बातचीत करना चुनौतीपूर्ण है।
ट्रंप ने टिकटॉक को लेकर दिए संकेत
इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने टिकटॉक, चीन-अमेरिका रिश्तों, ईरान पर अमेरिकी कार्रवाई और इमिग्रेशन नीति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक धनी निवेशक समूह टिकटॉक को खरीदने की इच्छा रखता है, जिसका मालिकाना हक चीनी कंपनी बाइटडांस के पास है। ट्रंप ने कहा, “संभावना है कि चीन की स्वीकृति की जरूरत होगी, और मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंजूरी दे देंगे।” उन्होंने खरीदारों की पहचान नहीं बताई, सिर्फ इतना कहा कि वे बेहद अमीर लोग हैं। जब उनसे नाम बताने को कहा गया तो बोले, “दो हफ्तों में बताऊंगा।”
ट्रंप ने टिकटॉक को दी थी 90 दिन की मोहलत
इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने टिकटॉक को अमेरिका में 90 दिनों तक संचालित रहने की इजाजत दी थी ताकि सौदा पूरा किया जा सके। इससे पहले भी वह दो बार इसकी समयसीमा बढ़ा चुके हैं।
ईरान पर हमलों को लेकर ट्रंप का दावा
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह खत्म कर दिया है। उनके अनुसार, ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु हथियार बना सकता था, लेकिन अमेरिकी हमलों ने उसकी योजना को नाकाम कर दिया। उधर, ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रंप की बातों को झूठा और अतिशयोक्तिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और यूरेनियम संवर्धन जारी रहेगा।
खुफिया रिपोर्ट लीक करने वालों पर हो कार्रवाई
ट्रंप ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि शुरुआती खुफिया रिपोर्ट कैसे लीक हुई, जिसमें यह कहा गया था कि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए रुका है। उन्होंने मांग की कि ऐसी जानकारी लीक करने वालों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
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