नई दिल्ली: तमिलनाडु के मदुरै जिले में तिरुपरमकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित अरुलमिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम त्योहार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए तमिलनाडु सरकार को निशाने पर लिया।

ठाकुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सनातन धर्म विरोधी रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी, तब तमिलनाडु के मंदिरों में इसके प्रसारण पर रोक लगा दी गई थी। सांसद ने दावा किया कि इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए थे और लोगों को न्यायालय का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रोका गया महादीपम

ठाकुर ने कहा कि हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट, मदुरै पीठ ने कार्तिगई दीपम के आयोजन की अनुमति दी थी, लेकिन अधिकारियों ने जानबूझकर इसे लागू नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू श्रद्धालुओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्हें महादीपम जलाने से रोक दिया गया। ठाकुर ने सवाल उठाया कि राम मंदिर का मामला हो या कार्तिगई दीपम, हिंदुओं को क्यों रोका जा रहा है

भाजपा का नाराजगी जताना

तमिलनाडु भाजपा के मुख्य प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट के जज के खिलाफ दायर महाभियोग प्रस्ताव पर सरकार का रवैया चौंकाने वाला है। उनका कहना है कि डीएमके और उसके सहयोगी राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और अल्पसंख्यक वोटों को लुभाने के लिए हिंदू-विरोधी रवैया अपना रहे हैं।

विवाद की पृष्ठभूमि

मदुरै जिले के तिरुपरमकुंद्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम त्योहार के दौरान महादीपम जलाने की परंपरा है। दरगाह के पास होने की वजह से इसे जलाने पर रोक लगाई जा रही थी।

मद्रास हाईकोर्ट, मदुरै पीठ के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन ने श्रद्धालुओं को दीप जलाने की अनुमति दी, लेकिन प्रशासन ने इसे रोक दिया। इसके बाद कांची के संस्थापक ने अवमानना याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने फिर सीआईएसएफ सुरक्षा के तहत दीप जलाने की अनुमति दी, लेकिन प्रशासन ने पुनः रोका।

महाभियोग प्रस्ताव

इस विवाद और हाईकोर्ट के आदेश के विरोध के बाद, इस फैसले वाले न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ 120 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव दायर किया है।