नई दिल्ली। भारतीय सेना को इस सप्ताह अमेरिका से अत्याधुनिक अपाचे AH-64E अटैक हेलिकॉप्टरों की पहली खेप मिलने जा रही है। इस खेप में तीन हेलिकॉप्टर शामिल हैं, जो आधुनिक तकनीक से लैस हैं और अंधेरे में भी दुश्मन को ढूंढकर हमला करने में सक्षम हैं। इन हेलिकॉप्टरों को भारतीय सीमा सुरक्षा के लिहाज से रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, ये हेलिकॉप्टर पाकिस्तान सीमा पर तैनात किए जा सकते हैं। इनकी लैंडिंग हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद) पर होगी। भारतीय थलसेना के लिए एक अलग स्क्वाड्रन पहले ही तैयार किया जा चुका है, जिसकी शुरुआत जोधपुर से 15 महीने पूर्व हुई थी, लेकिन डिलिवरी में देरी हो रही थी।
अमेरिकी सेना में लंबे समय से सेवा दे रहे अपाचे हेलिकॉप्टरों की वैश्विक मांग काफी ज्यादा है। अब तक 20 से अधिक देशों को ये हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं। भारत ने 2015 में पहली बार 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था, जिनकी डिलिवरी 2020 में पूरी हो गई थी। इसके बाद 2020 में भारत ने 6 और हेलिकॉप्टर खरीदने का समझौता किया था, जिनमें से पहली खेप अब आ रही है।
बताया गया है कि हैदराबाद में अमेरिकी कंपनी बोइंग और टाटा के संयुक्त उपक्रम द्वारा भी अपाचे हेलिकॉप्टरों का निर्माण किया जा रहा है। 2023 में यहीं से निर्मित पहला हेलिकॉप्टर भारतीय सेना को सौंपा गया था।
क्या हैं अपाचे हेलिकॉप्टर की खूबियाँ?
इन हेलिकॉप्टरों को 'हवाई टैंक' कहा जाता है। इनमें अत्याधुनिक नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम मौजूद है, जिससे ये रात के समय भी सटीक निशाना साधने में सक्षम हैं। हर मौसम में संचालन की क्षमता रखने वाले इन हेलिकॉप्टरों का उपयोग न केवल युद्ध के लिए, बल्कि रक्षा और शांति अभियानों में भी किया जा सकता है।