प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहे, लेकिन प्रतिकूल मौसम के चलते वह नदिया जिले में प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच सके। घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण उनका हेलीकॉप्टर वहां लैंड नहीं कर पाया, जिसके बाद सुरक्षा और तकनीकी कारणों से उसे कोलकाता लौटना पड़ा। इसके चलते प्रधानमंत्री ने नदिया के ताहेरपुर में आयोजित जनसभा को कोलकाता एयरपोर्ट से वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।

अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने जनता से क्षमा मांगते हुए कहा कि खराब मौसम और प्राकृतिक परिस्थितियों के कारण वह स्वयं कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि बंगाल की धरती ने देश को बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जैसे महान व्यक्तित्व दिए हैं और ‘वंदे मातरम्’ जैसे अमर गीत की रचना इसी भूमि पर हुई। प्रधानमंत्री ने बंगाली भाषा और संस्कृति के योगदान की सराहना करते हुए बंगालवासियों को शुभकामनाएं दीं।

दूरदराज क्षेत्रों में कनेक्टिविटी पर जोर

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य पश्चिम बंगाल के दूरस्थ और पिछड़े इलाकों तक आधुनिक कनेक्टिविटी पहुंचाना है, ताकि विकास की गति तेज हो सके। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विस्तार से राज्य के लोगों को नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा।

राज्य सरकार पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से मोदी या भाजपा से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन विकास के रास्ते में बाधा डालना उचित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अवैध घुसपैठ को लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही और सत्तारूढ़ दल इसे संरक्षण दे रहा है।

‘जंगलराज’ खत्म होने का दावा

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह बिहार की जनता ने कथित ‘जंगलराज’ को नकारा, उसी तरह पश्चिम बंगाल में भी बदलाव की बयार चल रही है। उन्होंने दावा किया कि बिहार के चुनावी नतीजों ने बंगाल में भी राजनीतिक परिवर्तन का संकेत दिया है। उन्होंने गंगा नदी का उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार से बहती गंगा बंगाल तक आती है, और बदलाव की लहर भी इसी तरह आगे बढ़ रही है।

विकास परियोजनाओं का लोकार्पण

इस वर्चुअल जनसभा से पहले प्रधानमंत्री ने लगभग 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य की अर्थव्यवस्था और संपर्क व्यवस्था को मजबूत करेंगी।
इस जनसभा के साथ ही प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए जनता से पार्टी को अवसर देने की अपील की।

गौरतलब है कि बंगाल में एसआईआर की मसौदा सूची जारी होने के बाद यह प्रधानमंत्री का राज्य का पहला दौरा रहा, जिसे खराब मौसम के कारण आंशिक रूप से वर्चुअल रूप में पूरा करना पड़ा।