केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष से शुरू होने वाले छह वर्षों के लिए 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दे दी है। बुधवार को इस योजना की जानकारी सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत एमएसएमई निर्यातकों को ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दो उप-योजनाओं के माध्यम से होगा संचालन
इस मिशन को दो उप-योजनाओं — 'निर्यात प्रोत्साहन' और 'निर्यात दिशा' — के जरिए लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य निर्यातकों को वित्तीय और तकनीकी समर्थन देना और भारत के निर्यात इकोसिस्टम को सुदृढ़ करना है।

कौन-कौन से क्षेत्र होंगे प्राथमिकता में
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह मिशन व्यापक है और इससे वस्त्र, चमड़ा, इंजीनियरिंग, समुद्री क्षेत्र, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।

अमेरिकी टैरिफ से पैदा हुई अनिश्चितता को कम करने में मदद
सरकार को उम्मीद है कि यह मिशन अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं को कम करने में मदद करेगा। अगस्त में अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया था, जिससे निर्यातकों को चुनौती का सामना करना पड़ा।