दिल्ली के रामलीला मैदान में एसआईआर और कथित ‘वोट चोरी’ के विरोध में कांग्रेस की बड़ी रैली आयोजित की गई, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार, आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला बोला। अपने संबोधन में उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि आयोग निष्पक्ष न रहकर सत्तारूढ़ दल के पक्ष में काम कर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने आयोग से कई सवाल पूछे, लेकिन किसी का संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत और दुनिया के तमाम धर्म सत्य को सर्वोपरि मानते हैं, जबकि आरएसएस की सोच सत्ता और शक्ति को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि सत्य के रास्ते पर चलते हुए कांग्रेस भाजपा और आरएसएस की सरकार को सत्ता से बाहर करेगी। उनके मुताबिक, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए यह लड़ाई जरूरी है।
चुनावी प्रक्रिया पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सत्ता के बल पर चुनावों को प्रभावित करती है और चुनाव आयोग इसमें मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने ऐसा कानून बनाया है, जिससे चुनाव आयुक्तों पर कार्रवाई मुश्किल हो गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर इस व्यवस्था में बदलाव करेगी और जवाबदेही तय की जाएगी। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कथित वोट चोरी संविधान पर सीधा हमला है और इसी कारण सरकार का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है।
रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संसद में गंभीर मुद्दों—जैसे बेरोजगारी, महंगाई और पेपर लीक—पर चर्चा से बचा जा रहा है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि जब विपक्ष चुनाव और एसआईआर जैसे मुद्दों पर बहस की मांग करता है, तो सरकार असहज हो जाती है। उन्होंने भाजपा को निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनौती भी दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि राहुल गांधी देश और जनता के हित में संघर्ष कर रहे हैं और इस लड़ाई को मजबूत करना पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा ही लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर सकती है, और इसी दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है।