काम के दबाव में बीएलओ की आत्महत्या के आरोपों को लेकर जारी विवाद के बीच, देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। विपक्ष जहां प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है, वहीं चुनाव आयोग का दावा है कि अब तक 63 प्रतिशत से ज्यादा भरे हुए गणना फार्म जमा हो चुके हैं और इन्हें सिस्टम पर अपलोड भी कर दिया गया है।

राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो गोवा 87 प्रतिशत फार्म जमा होने के साथ शीर्ष पर है। राजस्थान में 82 प्रतिशत और तमिलनाडु में 78 प्रतिशत फार्म लौटाए गए हैं। सबसे पीछे उत्तर प्रदेश है, जहां केवल 41 प्रतिशत भरे हुए फार्म ही लौटाए गए हैं, जबकि केरल 46 प्रतिशत के साथ दूसरे सबसे कमजोर राज्य के रूप में सामने आया है।

आयोग ने जारी किए आधिकारिक आंकड़े

चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर के दूसरे चरण में शामिल सभी राज्यों में 99.25 प्रतिशत से अधिक गणना फार्म वितरण का काम पूरा हो चुका है। भरे हुए फार्म जमा कराने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर तय है। इसके बाद 9 दिसंबर को इन राज्यों की एसआईआर आधारित मसौदा मतदाता सूची जारी की जाएगी।

आयोग ने बताया कि 27 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 50.97 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। एसआईआर का पहला पायलट चरण बिहार में चुनाव से ठीक पहले कराया गया था, जिसमें आयोग ने विभिन्न कारणों से 65 लाख नाम सूची से हटाए थे।

“बीएलओ पर किसी तरह का दबाव नहीं” – चुनाव आयोग

बीएलओ पर अत्यधिक काम के बोझ के कारण आत्महत्या की घटनाओं से जुड़े आरोपों को चुनाव आयोग ने खारिज किया है। आयोग ने कहा कि एक बीएलओ को मात्र एक हजार मतदाताओं को फार्म वितरित और एकत्र करना होता है, जो उनके नियमित कार्य का हिस्सा है।

आयोग ने सवाल उठाया कि यदि काम के दबाव की वजह से ऐसी घटनाएं हो रही थीं, तो बिहार में एसआईआर के पहले चरण के दौरान एक भी बीएलओ की आत्महत्या की घटना सामने क्यों नहीं आई, जबकि वहां प्रक्रिया कम समय में पूरी की गई थी। आयोग के अनुसार, इस चरण में बीएलओ को किसी भी प्रकार के दस्तावेज लेने की जिम्मेदारी भी नहीं है।

राज्यों से इन घटनाओं पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन अभी तक किसी राज्य से कोई पुष्ट जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

राज्यों में जमा हुए गणना फार्म (प्रतिशत में)

  • उत्तर प्रदेश: 41.44

  • केरल: 46.14

  • पश्चिम बंगाल: 78.42

  • तमिलनाडु: 65.42

  • राजस्थान: 82.61

  • मध्य प्रदेश: 78.50

  • गुजरात: 73.37

  • गोवा: 86.77

  • छत्तीसगढ़: 65.36

  • अंडमान-निकोबार: 67.39

  • लक्षद्वीप: 99.91

  • पुडुचेरी: 71.06