कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की शुक्रवार को आयोजित बैठक में हालिया पहलगाम आतंकी हमले और जातीय जनगणना जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर विमर्श हुआ। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की कि 24 अप्रैल को इस हमले के तुरंत बाद पार्टी ने आपात बैठक कर एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सरकार को पूर्ण समर्थन देने का संकल्प लिया गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कई दिन बीतने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्ट कार्ययोजना सामने नहीं आई है।

जातीय जनगणना पर सरकार की घोषणा से चौंकाए गए कांग्रेस नेता

खरगे ने कहा कि सरकार द्वारा जातीय जनगणना का निर्णय एक पुरानी मांग की पूर्ति है, लेकिन इस घोषणा का समय और उसे प्रस्तुत करने की शैली कई संदेह पैदा करती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने पहले इस मांग का विरोध किया और अब इसे स्वीकार किया, वह विरोधाभासी रवैया दर्शाता है।

राहुल गांधी की भूमिका की सराहना

कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी की लगातार प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जातीय जनगणना को जनसंवाद का प्रमुख मुद्दा बनाया और सरकार पर दबाव बनाया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भूमि अधिग्रहण, किसान कानूनों और अब जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर सरकार को पीछे हटना पड़ा है।

राज्यों में कांग्रेस की पहल

खरगे ने बताया कि कांग्रेस शासित राज्यों, जैसे कर्नाटक और तेलंगाना, में जातीय सर्वेक्षण पहले ही पूरा किया जा चुका है और उसके आधार पर योजनाओं का क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात अधिवेशन में भी कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर प्रस्ताव पारित किया था और 50% आरक्षण की सीमा हटाने की भी मांग की गई थी।

सरकार के विरोधाभासी रुख पर सवाल

उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पहले जातीय जनगणना को "विभाजनकारी" और "अर्बन नक्सल एजेंडा" कहकर खारिज किया गया, लेकिन अब जब विपक्ष और जनता का दबाव बढ़ा, तो अचानक इसे स्वीकार कर लिया गया। खरगे ने याद दिलाया कि 2011 में शुरू हुई जातीय जनगणना की प्रक्रिया 2016 में पूरी हो चुकी थी, जिसे सरकार ने राज्यसभा में खुद स्वीकार किया था।

महात्मा गांधी का उल्लेख और ऐतिहासिक संदर्भ

खरगे ने 1931 की जनगणना का उल्लेख करते हुए महात्मा गांधी के उस संपादकीय का हवाला दिया जिसमें उन्होंने जनगणना को राष्ट्र का “मेडिकल चेकअप” बताया था। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना तब ही सार्थक होगी जब इसके आंकड़ों के आधार पर नीतियां और योजनाएं बनाई जाएं।

भविष्य की रणनीति पर सुझाव

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने 2021 की जनगणना नहीं कराई, और आज भी प्रशासन 2011 के आंकड़ों पर चल रहा है। उन्होंने चेताया कि जातीय जनगणना को केवल घोषणा तक सीमित नहीं रहने देना चाहिए, बल्कि इसके निष्पक्ष क्रियान्वयन और नीतिगत उपयोग के लिए सजग रहना होगा।

खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी अब इस निर्णय का श्रेय खुद लेने का प्रयास कर रही है और कांग्रेस को विरोधी ठहराने की रणनीति अपना रही है। ऐसे में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे साझेदार दलों के साथ समन्वय बनाकर जनसभा और प्रेस कॉन्फ्रेंस जैसे माध्यमों से जनता तक सच्चाई पहुंचाएं।