केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चुनाव आयोग की मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया (एसआईआर) और घुसपैठ के मुद्दे पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर नियंत्रण और जनसंख्या संतुलन बनाए रखना बेहद आवश्यक है, अन्यथा “भारत धर्मशाला बनकर रह जाएगा।”
शाह ने स्पष्ट किया कि अवैध घुसपैठ के मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखने की बजाय इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या प्रबंधन के नजरिए से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को घुसपैठियों को संरक्षण नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे देश की सामाजिक और जनसांख्यिकीय संरचना पर नकारात्मक असर पड़ता है।
गृह मंत्री ने चुनाव आयोग द्वारा शुरू की जा रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। शाह ने मतदाता सूची के शुद्धिकरण को लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में जरूरी कदम बताया।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की पूरी छूट मिलनी चाहिए ताकि मतदाता सूची में किसी भी तरह की अनियमितता या अवैध नामों को हटाया जा सके।