राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि भारत और अंगोला के बीच गहरे और भरोसेमंद रिश्ते हैं और दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का लगातार समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अंगोला के अफ्रीका में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों की सराहना करता है।

राष्ट्रपति ने कहा, “भारत हमेशा संवाद और शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में रहा है। संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हम एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही हमें यह भी लगता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुधार आवश्यक है, और हमें इस दिशा में अंगोला के समर्थन की उम्मीद है।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की ‘मेड इन इंडिया’ वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड ट्रेन का उदाहरण देते हुए कहा कि “यह आधुनिक ट्रेनें अंगोला को भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।” उन्होंने दोनों देशों में युवा आबादी पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा, तकनीक और कौशल विकास के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की जरूरत है, ताकि युवा भविष्य के लिए आवश्यक दक्षताएं हासिल कर सकें।

राष्ट्रपति को रविवार को अंगोला की राजधानी लुआंडा में औपचारिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको भी मौजूद थे। यह दौरा भारत और अंगोला के बीच कूटनीतिक संबंधों के 40 वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।

अंगोला के बाद राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना का दौरा करेंगी। यह पहली बार है कि कोई भारतीय राष्ट्रपति अंगोला का राजकीय दौरा कर रही हैं। राष्ट्रपति भवन के अनुसार, इस यात्रा के दौरान राजनीतिक, आर्थिक, विकास और सांस्कृतिक साझेदारियों पर चर्चा होगी। बोत्सवाना में राष्ट्रपति व्यापार, निवेश, तकनीक, कृषि, स्वास्थ्य और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पहल करेंगी और वहां की संसद को भी संबोधित करेंगी।