नई दिल्ली। भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के नाम एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने संविधान के महत्व और प्रत्येक नागरिक के कर्तव्यों को निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान की शक्ति ही है जिसने सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद तक पहुँचाया।

पीएम मोदी ने मतदाता अधिकार और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जिम्मेदारी का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों से अपील की कि वे 18 वर्ष की आयु पूरी कर पहली बार मतदाता बनने वाले युवाओं को संविधान दिवस पर सम्मानित करें। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हुए कहा कि अधिकार कर्तव्यों के पालन से उत्पन्न होते हैं और कर्तव्य ही सामाजिक और आर्थिक प्रगति की नींव हैं।

प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं, विशेष रूप से डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का स्मरण किया और उनकी दूरदर्शिता को सराहा। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आयोजित ‘संविधान गौरव यात्रा’ और सरकार द्वारा 75वें संविधान दिवस पर चलाए गए जागरूकता अभियानों का भी उल्लेख किया।

मोदी ने इस वर्ष संविधान दिवस की विशेषताएं बताईं, जिसमें सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, वंदे मातरम के 150 वर्ष और गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 51A में वर्णित मौलिक कर्तव्य नागरिकों को देश की प्रगति और न्यायपूर्ण समाज बनाने की दिशा में मार्गदर्शन देते हैं।

प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा कि मतदान का हर अवसर निभाना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि इस संविधान दिवस पर वे अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखते हुए देश के विकास और सशक्त राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।