नई दिल्ली। चक्रवात ‘दित्वाह’ से श्रीलंका में व्यापक तबाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसनायके से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि भारत संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मोदी ने बताया कि भारत की ओर से भेजी गई राहत सामग्री और बचाव दल मौके पर सक्रिय हैं। यह कदम भारत की मानवीय प्रतिबद्धता और ‘पहला प्रतिक्रिया देने वाले देश’ के रूप में उसकी भूमिका को मजबूत करता है। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत आवश्यक राहत, बचाव और मानवीय सहायता लगातार भेजे जाने का भरोसा भी दिलाया।
राष्ट्रपति दिसनायके ने भारत की त्वरित मदद की सराहना करते हुए कहा कि राहत कार्यों में भारतीय दलों की समय पर तैनाती और भेजी गई सामग्री से प्रभावित इलाकों में तुरंत सहायता पहुंची। उन्होंने इस कदम को दोस्ती और भरोसे का उदाहरण बताया।
श्रीलंका में भारी बारिश, तेज हवाओं और समुद्र में आए उफान के कारण हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर ले जाए गए। भारत के राहत दलों ने प्रभावित तटीय इलाकों में तुरंत काम शुरू किया और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला। राहत सामग्री में दवाएं, भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय बनाने के सामान शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति दिसनायके को भरोसा दिलाया कि भारत का विजन ‘महासागर’ इसी मानवीय सहयोग पर आधारित है और प्राकृतिक आपदाओं में श्रीलंका का हमेशा पहला सहयोगी रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आगे भी श्रीलंका के पुनर्वास, सार्वजनिक सेवाओं की बहाली और प्रभावित लोगों की आजीविका बहाल करने में मदद करेगा।
ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत भारत राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय है और आने वाले दिनों में भी आवश्यक सभी सहायता श्रीलंका को प्रदान की जाएगी।