कलबुर्गी: कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रूट मार्च पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब संगठन कानून और नियमों के अनुसार अनुमति लेकर मार्च कर रहा है। उन्होंने कहा, "आरएसएस ने इस बार चित्तापुर में होने वाले मार्च के लिए संवैधानिक और कानूनी अनुमति ली है, जो पहले नहीं देखा गया।"

क्या है मामला?
चित्तापुर विधानसभा क्षेत्र, जहां से प्रियांक खरगे विधायक हैं, में आरएसएस ने रूट मार्च निकालने की योजना बनाई थी। प्रारंभ में जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार किया था, लेकिन बाद में संगठन ने अदालत का रुख किया और अनुमति मिल गई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि वे मार्च के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि नियमों के पालन पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने कभी मार्च का विरोध नहीं किया। बस इतना कहा कि अनुमति ली जानी चाहिए। अब जब नियमों का पालन हो रहा है, तो यह अच्छी बात है।"

प्रियांक खरगे ने बताया कि प्रशासन ने सुरक्षा और आयोजनों के लिए कड़े नियम और शर्तें लगाई हैं। उन्होंने कहा, "अगर शर्तें नहीं मानी गईं, तो कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। इसमें समस्या क्या है?" उनका दावा है कि यह पहली बार है जब आरएसएस कानून और संविधान के अनुसार अपना कार्यक्रम चला रहा है।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
आरएसएस के मार्च से पहले बाजाज कल्याण मंटप और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है। बम निरोधक दस्ते और स्निफर डॉग्स ने कई जगहों की जांच की। पेड़ों और इमारतों की छतों पर नजर रखी जा रही है। भारी पुलिस बल तैनात है, साथ ही पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन निगरानी में लगे हुए हैं।

मार्च का समय और रूट
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रूट मार्च शाम 3.30 बजे बाजाज कल्याण मंटप से शुरू होगा। मार्च लगभग 1.2 किलोमीटर चलेगा और उसी इलाके में समाप्त होगा। यह मार्च राजनीतिक बयानबाजी, प्रशासनिक सख्ती और सुरक्षा तैयारियों के बीच क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।