नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), VB-G RAM G बिल, 2025 का कड़ा विरोध किया। यह बिल दो दशक पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को बदलने का प्रस्ताव रखता है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि MGNREGA ने पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण भारत को रोजगार उपलब्ध कराया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि नए बिल में 73वें संविधान संशोधन की अनदेखी की गई है और ग्राम सभाओं के अधिकार कमजोर किए जा रहे हैं, जिससे रोजगार की कानूनी गारंटी पर असर पड़ेगा।
सांसद ने यह भी कहा कि बिल में मजदूरों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं है और केंद्र का नियंत्रण बढ़ाने के प्रयास से राज्य सरकारों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी आलोचना की कि हर योजना का नाम बदलने की प्रक्रिया गैरज़रूरी है और बिना चर्चा के यह विधेयक पारित नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि इसे स्थायी समिति के पास भेजकर गहन जांच और समीक्षा की जानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सरकार के कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह केवल MGNREGA का नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि योजना को समाप्त करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि गरीबों और श्रमिकों के अधिकारों पर यह हमला है और कांग्रेस इसका विरोध संसद और सड़कों दोनों पर जारी रखेगी।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा का गांधी परिवार और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति हमेशा से विरोध रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई योजना का नाम बदलकर गांधी जी का नाम हटाना इसी नीति का हिस्सा है।
वहीं, नए VB-G RAM G बिल, 2025 के तहत ग्रामीण परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 100 दिनों के बजाय 125 दिनों का वेतनभोगी रोजगार दिया जाएगा, बशर्ते वे अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक हों। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आय सुरक्षा के साथ-साथ टिकाऊ और उत्पादक संपत्तियों का निर्माण करना है।