नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को जानकारी दी कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही लोकसभा में शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने न्यायपालिका में कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकजुट होकर कार्रवाई करने पर सहमति जताई है।
सूत्रों के अनुसार, विपक्ष द्वारा राज्यसभा में दिया गया नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है, जिससे अब लोकसभा में इस प्रक्रिया के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
लोकसभा अध्यक्ष गठित कर सकते हैं जांच समिति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जल्द ही तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर सकते हैं, जो न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की विस्तृत जांच करेगी। किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विषय में कोई संदेह नहीं है—न्यायाधीश को पद से हटाने की प्रक्रिया लोकसभा में आरंभ की जाएगी।
न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के तहत, लोकसभा में प्रक्रिया पूरी होने के बाद मामला राज्यसभा में भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव का समर्थन सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के कुल 150 से अधिक सांसदों ने किया है।