भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म होने और सीजफायर के ऐलान के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट और जयराम रमेश ने भी कश्मीर मुद्दे में अमेरिका के हस्तक्षेप पर हैरानी जताई है। पायलट ने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए।
संघर्ष विराम पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
दिल्ली में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीजफायर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सबसे पहले सीमा पर शहीद हुए भारतीय नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारतीय सेना के साहस और पराक्रम को नमन करता हूं, जिन्होंने संघर्ष के दौरान अपनी श्रेष्ठता साबित की है।
राहुल और खरगे की विशेष सत्र की मांग
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा किए गए सीजफायर के ऐलान पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है।
पायलट का बयान: विशेष सत्र जरूरी
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि दोनों देशों के बीच अचानक हुए सीजफायर पर आश्चर्य है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा कर दी, जो सोचने पर मजबूर करती है। कांग्रेस की मांग है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर 1994 के प्रस्ताव को दोहराया जाए।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
पायलट ने कहा कि सीजफायर के बाद सामने आई जानकारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले अमेरिका ने इस मुद्दे से दूरी बनाई, फिर अचानक सीजफायर का ऐलान कर दिया। क्या भारत सरकार ने इस तरह की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया है? उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इससे सीजफायर की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
IMF और अमेरिकी हस्तक्षेप पर आपत्ति
सचिन पायलट ने IMF द्वारा पाकिस्तान को आर्थिक मदद दिए जाने और फिर अमेरिका की तरफ से सीजफायर की घोषणा को चिंताजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति पर सवाल उठता है और सरकार को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।