नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया। उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत की नागरिकता मिलने से पहले ही वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया था।

सेशंस कोर्ट ने यह नोटिस एक रिवीजन पिटीशन की सुनवाई के दौरान जारी किया। इस पिटीशन में सितंबर में मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें 1980-81 के इलेक्टोरल रोल में सोनिया गांधी का नाम शामिल करने के आरोप वाली शिकायत को खारिज कर दिया गया था। अदालत के जज विशाल गोगने ने रिवीजन पिटीशनर की ओर से प्रारंभिक दलीलों को सुनने के बाद यह नोटिस दिया।

रिवीजन पिटीशनर की दलीलें
पिटीशनर विकास त्रिपाठी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पवन नारंग ने अदालत में कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि सोनिया गांधी का नाम इलेक्टोरल रोल में नागरिकता मिलने से पहले ही गलत तरीके से डाला गया था। नारंग ने तर्क दिया कि 1980 के इलेक्टोरल रोल में कुछ दस्तावेजों में जालसाजी और गलत जानकारी दी गई थी।

नारंग ने कहा कि उनका नाम बाद में हटाया गया और जनवरी 1983 में फाइल की गई आवेदन के आधार पर 1983 में पुनः शामिल किया गया, और दोनों ही घटनाएं उनकी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले हुई थीं। उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

पिछली सुनवाई
याद रहे कि इससे पहले, 5 दिसंबर को राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया था। इस याचिका में सोनिया गांधी का नाम शामिल किए जाने के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।