नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने संसद में केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि पहलगाम हमले को लेकर देश स्पष्टता चाहता है कि यह आतंकी घटना कैसे घटी और इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से इस घटना की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन यह मामला सिर्फ उपराज्यपाल तक सीमित नहीं है, इसके तार गृह मंत्रालय तक जुड़े हैं। ऐसे में देश यह जानना चाहता है कि जिन अधिकारियों या संस्थानों की जिम्मेदारी बनती थी, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
सपा सांसद ने कहा कि हमले के बाद पूरा देश एकजुट होकर सेना और प्रधानमंत्री के साथ खड़ा रहा, लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संघर्षविराम की घोषणा कर देना कई सवाल खड़े करता है। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि देश की सरकार और प्रधानमंत्री को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि इस अमेरिकी दखल की सच्चाई क्या है। यदि सीजफायर की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं करते, तो बात अलग होती, लेकिन अमेरिका की ओर से ऐसे ऐलान को स्वीकार करना भारत की स्वतंत्र नीति पर सवाल उठाता है।
‘मुलायम सिंह यादव ने हमेशा सेना का हौसला बढ़ाया’
सांसद ने अपने संबोधन में पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा भारतीय सेना को मजबूती दी और कहा करते थे कि जब-जब सेना मैदान में उतरी, देश ने कभी हार नहीं मानी। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हर भारतवासी सेना और सरकार के साथ खड़ा था, लेकिन अमेरिका द्वारा बार-बार संघर्षविराम की बात उठाकर भारतीय सैन्य कार्रवाई को दबाने की कोशिश की गई।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के बाद से पंडित नेहरू सहित किसी भी सरकार ने कभी विदेशी दबाव के सामने झुकने का कार्य नहीं किया, लेकिन मौजूदा सरकार ने एक अलग मिसाल कायम की है। धर्मेंद्र यादव के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 26 बार संघर्षविराम का उल्लेख किया जाना, भारत की कूटनीतिक संप्रभुता के लिए चिंताजनक है।