वडोदरा पुल हादसा: 12 की मौत, कांग्रेस ने उठाए सरकार पर सवाल

गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक पुराना पुल टूटने से बड़ा हादसा हो गया। महिसागर नदी पर बने इस पुल का एक हिस्सा अचानक गिर गया, जिससे कई वाहन नदी में जा गिरे। इस दुर्घटना में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह अन्य को बचाया गया है। राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है।

हादसा सुबह करीब 7:30 बजे हुआ। जिस समय यह पुल टूटा, उस समय उस पर दो ट्रक, एक बोलेरो एसयूवी, एक पिकअप वैन और अन्य वाहन गुजर रहे थे। पुल के अचानक ढहने से वाहन सीधे नदी में जा गिरे। यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है, जिसकी लंबाई लगभग 900 मीटर है।

वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय गोताखोर, नौकाएं, नगर निगम, पुलिस और आपात सेवाओं की टीमें मौके पर पहुंच गईं। एनडीआरएफ की टीम और जिला प्रशासन के अधिकारी भी राहत कार्य में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि नौ शव बरामद किए जा चुके हैं और छह घायलों को अस्पताल भेजा गया है। एक घायल को हाल ही में मलबे से निकाला गया और उसे प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है।

प्रशासन की ओर से बताया गया कि यह पुल वर्ष 1985 में बनाया गया था और समय-समय पर इसका रखरखाव किया जाता रहा है। हादसे की असली वजह क्या रही, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भेजने के निर्देश दिए हैं।

पुल का जो हिस्सा टूटा है, वह दो खंभों के बीच का स्लैब था, जो अचानक गिर गया। घटनास्थल से मिली तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि एक टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर लटका हुआ है, जबकि एक बाइक दूसरे छोर पर फंसी हुई नजर आती है।

पड़रा थाने के निरीक्षक विजय चारण ने जानकारी दी कि दो ट्रक और दो वैन सहित कई वाहन नदी में गिरे हैं। राहत कार्य में वडोदरा फायर ब्रिगेड की टीमों के साथ स्थानीय लोग भी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल गिरने से पहले एक तेज आवाज सुनाई दी। इसके तुरंत बाद धूल का गुबार उठा और कई वाहन नीचे गिर गए। मौके पर पहुंची राहत टीमों ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को मलबे से निकाला और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यह पुल कई वर्षों से खराब स्थिति में था और इसकी मजबूती को लेकर पहले भी चेतावनियां दी जा चुकी थीं। यहां आत्महत्या की घटनाएं भी पहले हो चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

इस हादसे को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पुल सौराष्ट्र से गुजरने वाले ट्रैफिक के लिए महत्वपूर्ण था और इसके कमजोर होने की जानकारी कई बार दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को बार-बार चेताया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

चावड़ा ने सरकार से मांग की है कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही राज्य के सभी पुराने पुलों का ऑडिट कर उनकी फिटनेस रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।

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