नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के पहले दो दिनों में लगातार हंगामे के बाद बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही सुचारू रूप से हुई। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर विपक्ष के विरोध और कई बार बाधित होने के बाद अब सदन में उम्मीद के मुताबिक स्थिरता नजर आई।

वंदे मातरम् और चुनाव सुधारों पर अगले सप्ताह व्यापक चर्चा कराने पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने से विपक्ष ने तेवर नरम किए और प्रश्नकाल बिना किसी व्यवधान के संपन्न हुआ। दिनभर की गतिविधियों ने स्पष्ट संकेत दिया कि राजनीतिक मतभेदों के बीच भी कामकाज को नियमित रखना संभव है, यदि दोनों पक्ष इसकी आवश्यकता समझें।

लोकसभा में दिखा सर्वदलीय बैठक का असर
लोकसभा की शुरुआत स्वर्गीय सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई, जिसके बाद सीधे प्रश्नकाल हुआ। मंगलवार को स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक का असर सदन में साफ दिखा। नियमों की अनदेखी कर सदन में तस्वीरें खींचने पर औरंगाबाद के सांसद अभय कुमार को स्पीकर ने फटकार लगाई और चेतावनी दी कि दोबारा ऐसा हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।

सदन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फर्जी खबरों और एआई-जनित डीपफेक से निपटने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत पर जोर दिया और नए नियम लाने की बात कही।

पंजाब के बाढ़ग्रस्त किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग भी जीरो आवर में उठी। इस बीच, विपक्ष ने सदन के बाहर श्रम संहिताओं और केंद्र-राज्य संबंधों पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा, लेकिन सदन के भीतर उनका रुख संयमित रहा।