झारखंड में प्राकृतिक पर्व सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। बता दें कि सरहुल झारखंड के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। सरहुल के मौके पर रांची के आदिवासी छात्रवास में आयोजित सरहुल कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए। साथ ही साथ विधायक कल्पना सोरेन, मंत्री चमरा लिंडा और मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट कर सरहुल में दो दिनों के राजकीय छुट्टी का एलान किया।

झारखंड के प्रमुख त्योहारों में से एक प्राकृतिक पर्व सरहुल के मौके पर राजधानी रांची में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। तमाम आदिवासी समाज के लोग सरहुल के अवसर पर उत्साहित नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सरहुल के रंग में रंगे हुए नजर आए। रांची के करमटोली स्थित आदिवासी छात्रवास में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य सरहुल का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।

उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, सरहुल महज एक त्योहार ही नहीं बल्कि प्रकृति से जुड़ाव का एक प्रतीक है। इसलिए इस पर्व को प्राकृतिक पर्व के तौर पर जाना जाता है। सरहुल पर्व पर हमें प्रण लेना चाहिए कि हमारे आदिवासी परंपरा और संस्कृति को सदैव जीवित रखेंगे। झारखंड सरकार के द्वारा आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाएं लाई जा रही हैं। खासकर आदिवासी युवा कैसे आगे बढ़ें, इस पर झारखंड सरकार एक विजन के तहत कार्य कर रही है।

सरहुल का महत्व झारखंड में देखने को मिलता है। इस पर्व की गरिमा को समझते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट कर जानकारी दी। सरहुल पर अब से राज्य में दो दिनों की छुट्टी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, पिछले कई वर्षों से सरहुल के अवसर पर दो दिन के राजकीय अवकाश की मांग उठ रही थी। आदिवासी समाज के इस महापर्व को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया।

Sarhul Celebration CM Hemant Soren attended program organized in tribal hostel two days holiday announced

'आप सभी के बीच आकर खुशियों को बांटने का मौका मिलता है'
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर में हर वर्ष धूमधाम से सरहुल का त्योहार मनाया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मुझे यहां आयोजित सरहुल महोत्सव में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां आकर आप सभी के साथ खुशियों को बांटने का मौका मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यहां हम प्रकृति को संरक्षित रखने और अपनी परंपराओं को लेकर आगे बढ़ने का एक संकल्प लेते हैं। हमारा संकल्प पूरा हो, इस दिशा में हमें सदैव प्रयास करते रहना चाहिए।

'व्यस्तता भरी जिंदगी में अपनी परंपरा एवं सभ्यता-संस्कृति के लिए भी समय निकालें' 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी जिंदगी काफी व्यस्त हो चुकी है। लोगों के पास वक़्त कम है, फिर भी विरासत में मिली अपनी परंपरा एवं सभ्यता-संस्कृति से जुड़े रहने के लिए वक़्त जरूर निकालें। यह हमारी आने वाली पीढ़ी की बेहतरी के लिए जरूरी है। इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और पर्व-त्योहारों का जश्न मिलकर मनाने की अलग ही खुशी मिलती है।

छात्रावासों का हो रहा जीर्णोद्धार 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इस कड़ी में आदिवासी कॉलेज छात्रावास, करमटोली और महिला कॉलेज छात्रावास में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे सिर्फ अपनी पढ़ाई की चिंता करें, बाकी सारी व्यवस्था सरकार करेगी। आप सही दिशा में आगे बढ़े, सरकार आपके साथ खड़ी है। इस अवसर पर कृषि मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की एवं विधायक कल्पना सोरेन ने भी पारंपरिक विधि- विधान से पूजा-अर्चना कर राज्य के विकास तथा खुशहाली की कामना की।