डिप्रेशन आज के समय में एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। तेज-तर्रार जीवनशैली, रिश्तों में तनाव, करियर की चुनौतियां और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग जैसी वजहों से कई लोग इसका शिकार हो रहे हैं। हालांकि, भारत में इस समस्या को लेकर जागरूकता अभी सीमित है, जिससे इसे अक्सर हल्के में लिया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक डिप्रेशन में रहना खतरनाक साबित हो सकता है और व्यक्ति की पर्सनालिटी में कई बदलाव ला सकता है।

एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, डिप्रेशन में आने पर व्यक्ति का व्यवहार और सोचने का तरीका बदल जाता है। इसे पहचानने के लिए कुछ सामान्य संकेत हैं:

1. जल्दी गुस्सा आना
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति में अचानक गुस्सा आने लगता है। जो पहले शांत रहते थे, वे छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाते हैं। कभी-कभी यह गुस्सा हिंसक रूप भी ले सकता है, जैसे चीजें फेंकना या जोर-जोर से चिल्लाना।

2. किसी भी चीज में एडजस्ट न कर पाना
डिप्रेशन में व्यक्ति अपने आप को दूसरों से अलग महसूस करने लगता है। परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद नहीं रहता और छोटी बातों पर चिढ़चिढ़ापन दिखता है।

3. चीजों में रुचि कम होना
इस स्थिति को ‘एन्हेडोनिया’ कहा जाता है। व्यक्ति पहले जिन चीजों में खुश होता था, अब उनमें उत्साह या रुचि नहीं दिखती। यह लक्षण खासकर 18 से 29 साल के युवाओं में आम है।

4. अधिक जिद्दी और नियंत्रित व्यवहार
कुछ लोग डिप्रेशन में अपने मूड और व्यवहार पर नियंत्रण खो देते हैं और हर बात अपनी मन मुताबिक करवाना चाहते हैं। इससे कई बार वे जोखिमपूर्ण या खतरनाक फैसले लेने लगते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार और मित्र इन संकेतों को पहचानकर समय पर सहायता और प्रोफेशनल काउंसलिंग दिलाएं, ताकि डिप्रेशन गंभीर रूप न ले।