नई दिल्ली। सितंबर 2025 धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से खास रहने वाला है, क्योंकि इसी महीने वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिष शास्त्र और हिंदू परंपरा में ग्रहण का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इसका प्रभाव प्रकृति के साथ-साथ मानव जीवन पर भी पड़ता है। इस कारण ग्रहण काल में कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है।

कब और कहां दिखेगा ग्रहण
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात को लगेगा। ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि करीब 3 घंटे 30 मिनट होगी। यह भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। ग्रहण से नौ घंटे पहले यानी दोपहर 12:59 बजे से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा।

ग्रहण काल में क्या करें
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस अवधि में भगवान का स्मरण, ध्यान और मंत्र जाप करना शुभ फल देता है। भोजन को ढककर रखना चाहिए और पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डालना उत्तम माना गया है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान, ध्यान और दान-पुण्य करना भी अत्यंत लाभकारी माना गया है।

ग्रहण काल में क्या न करें
इस दौरान भोजन पकाना और खाना वर्जित है। बाल और नाखून काटना, तेल लगाना या खरीदारी करना अशुभ माना गया है। भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखना मना है और उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

किसे रखना चाहिए विशेष ध्यान
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान धारदार वस्तुओं का उपयोग और बाहरी गतिविधियां टालना सुरक्षित रहता है।