मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया एशेज का चौथा टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक असाधारण अध्याय बन गया। यह मुकाबला महज दो दिन में समाप्त हो गया और इसके साथ ही कई पुराने रिकॉर्ड धराशायी हो गए। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर न सिर्फ बॉक्सिंग डे टेस्ट अपने नाम किया, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट जीत का 5468 दिनों से चला आ रहा लंबा इंतजार भी खत्म कर दिया। इससे पहले इंग्लैंड ने जनवरी 2011 में सिडनी में आखिरी टेस्ट जीत दर्ज की थी।
मैच का पूरा हाल
पांच मैचों की एशेज सीरीज के इस चौथे टेस्ट में इंग्लैंड ने दूसरे ही दिन छह विकेट से जीत हासिल कर ली। ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 175 रन के लक्ष्य को इंग्लिश टीम ने 32.2 ओवर में पूरा कर लिया। हालांकि इस जीत से सीरीज का नतीजा नहीं बदला, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया शुरुआती तीन टेस्ट जीतकर पहले ही 3-1 की अजेय बढ़त बना चुका है।
पहले दिन इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। इंग्लिश गेंदबाजों ने इस फैसले को सही साबित करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 152 रन पर समेट दी। जवाब में इंग्लैंड की टीम 110 रन ही बना सकी, जिससे मेजबानों को 42 रन की बढ़त मिली। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 132 रन पर ढेर हो गया और इंग्लैंड को 175 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने अपेक्षाकृत तेज गति से हासिल कर लिया।
तेज चेज में बना नया मानक
150 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने मेलबर्न में 5.50 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए। यह एशेज इतिहास का दूसरा सबसे तेज सफल चेज रहा।
एशेज में 150+ रन के लक्ष्य का सबसे तेज सफल पीछा
| रन रेट | टीम | स्थान | साल | लक्ष्य |
|---|---|---|---|---|
| 7.23 | ऑस्ट्रेलिया | पर्थ | 2025 | 205 |
| 5.50 | इंग्लैंड | मेलबर्न | 2025 | 175 |
| 5.38 | ऑस्ट्रेलिया | ट्रेंट ब्रिज | 2001 | 158 |
| 5.11 | ऑस्ट्रेलिया | एडिलेड | 2006 | 168 |
| 5.08 | इंग्लैंड | हेडिंग्ले | 2023 | 251 |
रूट और स्टोक्स के लिए यादगार जीत
यह जीत कप्तान जो रूट और ऑलराउंडर बेन स्टोक्स के लिए भी खास रही। रूट ने ऑस्ट्रेलिया में 18 टेस्ट के बाद पहली जीत दर्ज की, जबकि स्टोक्स को यहां 13 टेस्ट खेलने के बाद जीत नसीब हुई। इससे साफ है कि ऑस्ट्रेलिया का दौरा इंग्लैंड के लिए कितना कठिन रहा है।
130 साल बाद इतना छोटा टेस्ट
मेलबर्न टेस्ट कुल 852 गेंदों में समाप्त हो गया। यह एशेज इतिहास के सबसे कम गेंदों में खत्म होने वाले टेस्ट मैचों में शामिल हो गया। इससे पहले 1895 में सिडनी टेस्ट 911 गेंदों में खत्म हुआ था। यानी करीब 130 वर्षों बाद फिर इतना छोटा टेस्ट देखने को मिला।
सबसे कम गेंदों में पूरे हुए एशेज टेस्ट
| गेंद | स्थान | साल | विजेता |
|---|---|---|---|
| 788 | ओल्ड ट्रैफर्ड | 1888 | इंग्लैंड |
| 792 | लॉर्ड्स | 1888 | ऑस्ट्रेलिया |
| 847 | पर्थ | 2025 | ऑस्ट्रेलिया |
| 852 | मेलबर्न | 2025 | इंग्लैंड |
| 911 | सिडनी | 1895 | ऑस्ट्रेलिया |
दो दिन में खत्म होने वाले दुर्लभ टेस्ट
एशेज के इतिहास में बहुत कम मुकाबले ऐसे रहे हैं जो दो दिन के भीतर खत्म हुए हों। 19वीं सदी में ऐसा आम था, लेकिन आधुनिक क्रिकेट में यह बेहद असामान्य है। 2025 में पर्थ और अब मेलबर्न टेस्ट का दो दिन में समाप्त होना पिच और परिस्थितियों की चरम प्रकृति को दर्शाता है।
बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को झटका
2011 के बाद से बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा है। 15 मैचों में उन्होंने 10 में जीत दर्ज की थी। हालांकि भारत (2018, 2020) और अब इंग्लैंड (2025) ने इस किले में सेंध लगाई। मेलबर्न जैसे मजबूत गढ़ में इंग्लैंड की जीत इसलिए भी खास मानी जा रही है।
बल्लेबाजी में बने अनोखे रिकॉर्ड
इस टेस्ट में हैरी ब्रूक ने सबसे कम गेंदों में 3000 टेस्ट रन पूरे करने का रिकॉर्ड बनाया। वहीं मैच में कुल 572 रन बने, लेकिन कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच सका। यह टेस्ट क्रिकेट और एशेज इतिहास के सबसे अजीब आंकड़ों में से एक है।
इंग्लैंड का लंबा सूखा समाप्त
ऑस्ट्रेलिया में लगातार 18 टेस्ट तक जीत न मिलने का इंग्लैंड का रिकॉर्ड आखिरकार टूट गया। इससे पहले ऐसा ही रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम था, जो 1987 से 2011 तक चला था। मेलबर्न की इस जीत ने इंग्लैंड को उस अवांछित सूची से बाहर कर दिया।
यह टेस्ट न सिर्फ नतीजे के लिहाज से, बल्कि अपने तेज अंत और रिकॉर्ड्स की भरमार के कारण भी लंबे समय तक याद किया जाएगा।