बिहार। विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को मिली करारी हार के बाद पार्टी में अंदरूनी विवाद तेज हो गया है। खासकर लालू यादव के समर्थक अब तेजस्वी यादव के सलाहकार और पार्टी के सांसद संजय यादव पर नाराज नजर आ रहे हैं।
सोमवार को राजद विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने पहले राबड़ी देवी के आवास के बाहर जमकर हंगामा किया। इसके बाद वे लालू यादव से मिलने उनके आवास में भी घुस गए और संजय यादव के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ समर्थक संजय के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, जबकि आसपास के लोग उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी की चुनावी हार और दुर्गति में संजय यादव की भूमिका रही है।
दरअसल, दो दिन पहले तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्या के बीच भी संजय यादव को लेकर विवाद हुआ था। रोहिणी ने आरोप लगाया कि उनका अपमान किया गया और गाली-गलौज के साथ चप्पल भी चलाया गया। इसके अलावा टिकट बंटवारे के दौरान भी कई नेताओं ने संजय पर आरोप लगाए कि उन्होंने पैसा न देने के कारण टिकट काटे। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और घटक दलों के बीच हुए चुनावी टकराव को संभालने में भी तेजस्वी यादव की असफलता को संजय यादव से जोड़कर देखा गया। कई नेताओं का कहना है कि पार्टी पर संजय यादव का दबदबा है और उनका विरोध करने पर तेजस्वी से भी मिलना मुश्किल हो जाता है।
चुनावी आंकड़ों की बात करें तो राजद इस बार 25 सीटों तक सिमट गई है, जबकि 2020 में इसे 75 सीटें मिली थीं। एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया और महागठबंधन को मात्र 35 सीटों पर रोक दिया। तेजस्वी राघोपुर में मुश्किल से जीते और नेता विपक्ष का पद भी उनकी पकड़ में मुश्किल से रहा। कांग्रेस 6, सीपीआई-एमएल 2, सीपीएम 1 और सीपीआई शून्य सीट पर सिमट गई। वहीं, वीआईपी और आईआईपी जैसी छोटी पार्टियों के लिए भी चुनावी आंकड़े निराशाजनक रहे।
वोट शेयर के लिहाज से आरजेडी को राज्य भर में 23 फीसदी वोट मिले, लेकिन सीटों पर इसका असर नहीं दिखा। जिन सीटों पर पार्टी लड़ी, वहां उसे औसतन 38.9 फीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी को 48.6, जेडीयू को 46.3 और एलजेपी-आर को 43.2 फीसदी मत मिले। एनडीए की बंपर जीत इसी औसत मत प्रतिशत में छिपी है, जबकि महागठबंधन दल अपनी सीटों पर 39 फीसदी वोट के भीतर ही सिमट गए।
इस हार के बाद राजद में अब अंदरूनी समीकरण और नेतृत्व की भूमिका पर गंभीर बहस शुरू हो गई है, और समर्थकों की नाराजगी तेजस्वी यादव और उनके सलाहकार संजय यादव के बीच टकराव को और बढ़ा रही है।