पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती रुझान फिर से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की बढ़ती ताकत को स्पष्ट कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरे चुनाव में अपने दबदबे को कायम रखा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, AIMIM लगभग छह सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए है। इस प्रदर्शन ने महागठबंधन के लिए एक बड़ी सीख दी है, जिसने ओवैसी की पार्टी को नजरअंदाज किया।
विश्लेषकों का मानना है कि AIMIM के मजबूत प्रदर्शन ने विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के वोट बैंक को प्रभावित किया है। 2020 की तरह इस बार भी महागठबंधन ने ओवैसी की ताकत को अनदेखा किया, जो उन्हें महंगी पड़ी।
सीमांचल में AIMIM की पकड़
AIMIM मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में सक्रिय रही। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान अमौर सीट से 34,009 वोटों की बड़ी बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। कोचाधामन सीट पर मो. सरवर आलम 22,093 वोटों से, बहादुरगंज पर मो. तौसीफ आलम 2,915 वोटों से और जोकीहाट से मोहम्मद मुर्शीद आलम 20,128 वोटों से आगे हैं। वहीं ठाकुरगंज से गुलाम हसनैन 9,965 और बायसी से गुलाम सरवर 5,599 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं।
महागठबंधन की रणनीति रही कमजोर
राजनीतिक विश्लेषक पुष्यमित्र का कहना है कि AIMIM ने सीमांचल की कई सीटों पर मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर सीधे मुकाबले किए। इससे महागठबंधन के कई उम्मीदवार एनडीए के प्रतिद्वंदियों के मुकाबले पीछे रह गए। कई जगह त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबले ने सीधे एनडीए को लाभ पहुंचाया।
विशेषज्ञ ओमप्रकाश अश्क के अनुसार, महागठबंधन ने AIMIM को नजरअंदाज करके रणनीति में गलती की। 2020 में पांच सीट जीतकर AIMIM ने कांग्रेस और RJD के पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाई थी। इस बार पार्टी ने अपनी पकड़ को और मजबूत किया है।
कांग्रेस से भी आगे निकली AIMIM
सीमांचल में AIMIM की स्थिति कांग्रेस से भी बेहतर नजर आ रही है। जहां कांग्रेस केवल दो सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं AIMIM छह सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ओवैसी अब सीमांचल की राजनीति में एक निर्णायक शक्ति बन चुके हैं।
इस प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि महागठबंधन के लिए ओवैसी की उपेक्षा भारी पड़ सकती है और सीमांचल की राजनीति में AIMIM की बढ़ती शक्ति को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।