पटना। बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति परिवारों को उनके नाम पर आवंटित जमीन पर वास्तविक कब्जा दिलाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। यह अभियान आम तौर पर नए मंत्रियों के पदभार संभालने के समय लागू किया जाता है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भूमि सुधार मंत्री के रूप में विभाग को इस अभियान को सक्रिय रूप से चलाने के निर्देश दिए हैं।
विभाग की प्रतिबद्धता
भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि सभी पात्र परिवार अपनी आवंटित भूमि पर पूरी तरह कब्जा हासिल करें। ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी, अधिशेष, भूदान या क्रय की गई भूमि पर किसी भी निजी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जा न हो। ऐसे मामलों को गंभीर और दंडनीय अपराध माना जाएगा।
कानूनी प्रावधान और जिम्मेदारी
अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 की धारा 3(f) के तहत किसी भी पर्चाधारक को आवंटित भूमि पर अवैध कब्जा करना अपराध है। जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उद्देश्य: शत-प्रतिशत कब्जा सुनिश्चित करना
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि एक भी पात्र परिवार अपनी जमीन से वंचित न रहे। उनका कहना है कि यह केवल प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक दायित्व का पालन है। राज्य सरकार हर हाल में गरीब, वंचित और पर्चाधारक परिवारों के साथ खड़ी है।