पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे यह साफ कर देते हैं कि जनता के समर्थन में नीतीश कुमार की योजनाओं और रणनीतियों का बड़ा योगदान रहा है। पिछली बार 50 सीटों से भी कम प्रदर्शन करने वाली जेडीयू इस बार लगभग 80 सीटों पर मजबूत बढ़त बनाए हुए है। यह वापसी राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी चौंकाने वाली है।

विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार के 20 साल के कार्यकाल में लागू की गई योजनाओं का असर अब नतीजों में दिखाई दे रहा है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री ने खुद को ‘स्कीम पुरुष’ के रूप में पेश किया और यह छवि मतदाताओं, खासकर महिलाओं, के बीच बहुत प्रभावी रही।

महिलाओं ने JDU को चुनावी बढ़त दिलाई

नीतीश कुमार के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाएं शामिल हैं। 2006 में शुरू हुई साइकिल और यूनिफॉर्म योजना ने लड़कियों की स्कूल उपस्थिति और उच्च शिक्षा में पहुँच को बढ़ाया। इसके अलावा, पंचायती राज अधिनियम के तहत महिलाओं को पंचायतों और शहरी निकायों में 50 फीसदी आरक्षण दिया गया, जिससे जमीनी स्तर पर उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हुई।

चुनाव से ठीक पहले लागू मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने 1.3 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये ट्रांसफर किए। इस योजना के तहत महिलाओं को रोजगार शुरू करने में मदद के लिए 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त राशि भी मिलने का भरोसा दिया गया। इस कदम ने महिला मतदाताओं का विश्वास जेडीयू की तरफ खींचा।

शराबबंदी और ग्रामीण समर्थन

4 अप्रैल 2016 को बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी ने ग्रामीण महिलाओं के बीच नीतीश कुमार की स्वीकार्यता और बढ़ा दी। जिन घरों में शराब के कारण घरेलू समस्याएँ थीं, वहां यह कदम महिलाओं के लिए राहत बन गया।

युवाओं और आम जनता के लिए योजनाएं

युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ और ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ ने वित्तीय सहायता और उच्च शिक्षा में अवसर प्रदान किए। 20–25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को मासिक 1,000 रुपये का भत्ता दिया गया, जबकि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत 12वीं के बाद शिक्षा जारी रखने के लिए 4 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया गया।

सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत सुविधाएं

सामान्य जनता के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाकर 1,100 रुपये की गई और घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी गई। ‘सात निश्चय’ कार्यक्रम के तहत हर घर नल का जल, बेहतर सड़कों और ग्रामीण व शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया गया।

इन सभी योजनाओं ने जेडीयू की छवि को मजबूत किया और जनता के विश्वास को बढ़ाया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यही व्यापक कल्याणकारी और रणनीतिक प्रयासों का परिणाम है कि जेडीयू ने इस चुनाव में इतनी दमदार वापसी की।