पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद राजद सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 3 नवंबर को हरियाणा से बिहार के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें लगभग 6,000 लोग सवार थे। सिब्बल ने इस पर सवाल उठाया कि इन ट्रेनों की आवश्यकता क्यों पड़ी और इनके खर्च का भुगतान किसने किया।
सिब्बल और एडी सिंह का आरोप
राजद के एडी सिंह के साथ प्रेस वार्ता में सिब्बल ने बताया कि पहली ट्रेन सुबह 10 बजे करनाल से बरौनी के लिए रवाना हुई, जिसमें 1,500 यात्री थे। दूसरी ट्रेन 11 बजे करनाल से भागलपुर के लिए चली, जिसमें भी 1,500 लोग थे। तीसरी और चौथी ट्रेन दोपहर तीन बजे और चार बजे गुरुग्राम से भागलपुर गई। सिब्बल ने दावा किया कि यह केवल सामान्य यात्री नहीं थे, बल्कि पेशेवर वोटर थे, जो चुनावी गड़बड़ी का हिस्सा हो सकते हैं।
सिब्बल ने कहा, “अगर ये लोग असली मतदाता हैं, तो वे सामान्य ट्रेनों से जा सकते थे। लेकिन इन्हें विशेष ट्रेन के जरिए लाना एक गंभीर सवाल उठाता है।” उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस पर स्पष्टीकरण मांगा।
एडी सिंह ने आरोप लगाया कि रेलवे अधिकारियों को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर यह व्यवस्था करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों का खर्च भाजपा द्वारा चुकाया गया और यात्रियों में फर्जी वोटर कार्ड (EPIC) वाले लोग भी शामिल थे।
रेलवे का जवाब
रेल मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेनें चलाना आम प्रक्रिया है। मंत्रालय ने बताया कि इस सीजन में रेलवे ने कुल 12,000 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें से 10,700 नियोजित और लगभग 2,000 अनियोजित ट्रेनें हैं। रेलवे ने कहा कि डिविजनल, जोनल और रेलवे बोर्ड स्तर पर तीन स्तरों पर विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि भीड़ का नियंत्रण किया जा सके।
बिहार में चुनावी माहौल
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है।