बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर बातचीत तेज हो गई है। इसी क्रम में कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि गठबंधन की पार्टियों को सीटों के बंटवारे में संतुलन बनाए रखना होगा। पार्टी का मानना है कि किसी एक दल को केवल मजबूत सीटें और दूसरे को कमजोर सीटें नहीं मिलनी चाहिए। यदि नए दल गठबंधन में शामिल होते हैं तो मौजूदा सहयोगियों को अपनी कुछ सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं। फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) को महागठबंधन में लाने पर चर्चा चल रही है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव कर सरकार ने हस्तक्षेप किया और मतदाता सूची में हेरफेर से लेकर मतदान के दिन गड़बड़ियां की गईं। उन्होंने दावा किया कि वाराणसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कई राउंड तक आगे थे, लेकिन अचानक लाइव अपडेट रोककर अंततः नरेंद्र मोदी को विजेता घोषित कर दिया गया।
अल्लावरु ने कहा कि जो सरकार वोट चोरी में लिप्त है, वह जनता की समस्याओं—महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, अपराध और पेपर लीक—की परवाह नहीं करती।
कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर जोर देते हुए कहा कि लक्ष्य सभी सहयोगियों को बराबरी का प्रतिनिधित्व देना है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की अगुवाई में किसी नए यात्रा कार्यक्रम की अभी योजना नहीं है।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान आधार कार्ड को मान्यता देने का मुद्दा उठाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश में आधार को 12वें पहचान पत्र के रूप में मंजूरी मिलना जनता की जीत है।
मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बिहार नेताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर अहम बैठक की। इसमें सीट बंटवारे, प्रचार अभियान और उम्मीदवार चयन पर चर्चा हुई। बैठक में अजय माकन, केसी वेणुगोपाल, पप्पू यादव सहित कई नेता मौजूद थे। इससे पहले महागठबंधन की समन्वय समिति की बैठक तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई थी।