छठ महापर्व से पहले बिहार लौटने वालों की भीड़ के चलते दिल्ली से उड़ने वाली लगभग सभी फ्लाइटें फुल हो चुकी हैं। एयर किराए में 50 से 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी के बावजूद हजारों प्रवासी अपने घर पहुंचने के लिए टिकट बुक करा चुके हैं। वहीं ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट पूरी तरह भर चुकी है और बस संचालकों ने भी किराया दोगुना तक बढ़ा दिया है।

ट्रैवल पोर्टल्स के मुताबिक, सामान्य दिनों में दिल्ली-पटना का किराया जहां 4,000 से 6,000 रुपये तक रहता है, वहीं 25 से 27 अक्तूबर के बीच यह 8,000 से 10,000 रुपये तक पहुंच गया है। दिल्ली-दरभंगा के लिए किराया 13,000 रुपये और दिल्ली-गया मार्ग पर 12,000 रुपये तक जा पहुंचा है। वहीं, लास्ट-मिनट टिकट की कीमतें इससे भी अधिक हैं।

त्योहारों के दौरान बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लाखों प्रवासी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से अपने घर लौटते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान मांग बढ़ने से एयरलाइंस डायनामिक प्राइसिंग लागू करती हैं, जिससे किरायों में अचानक बढ़ोतरी होती है। इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया जैसी कंपनियों ने अतिरिक्त फ्लाइटें शुरू की हैं, लेकिन बढ़ी मांग के कारण किराया अब भी ऊंचा बना हुआ है।

बस और ट्रेन सेवाओं पर भी असर
दिल्ली से बिहार जाने वाली बसों का किराया भी दोगुना हो गया है। सामान्य दिनों में जहां किराया 1,000 से 2,000 रुपये के बीच रहता है, वहीं अब यह 1,500 से 4,000 रुपये तक पहुंच गया है। दिल्ली-दरभंगा रूट पर नॉन-एसी बसों का किराया 2,599 से 4,999 रुपये तक वसूला जा रहा है। रेलवे ने भी छठ पर्व को देखते हुए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन पटना की अधिकांश ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट हजारों में पहुंच चुकी है।

बुकिंग में 200 फीसदी उछाल
ट्रैवल एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में हवाई टिकट बुकिंग में 200% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली में काम करने वाले पटना निवासी राजेश कुमार ने बताया कि पिछले साल उन्हें 5,500 रुपये में टिकट मिला था, जबकि इस बार 9,800 रुपये चुकाने पड़े।

किराया नियंत्रण की मांग
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ने सरकार से हवाई और बस किराया नियंत्रित करने (कैपिंग) की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल छठ, दिवाली और दशहरा जैसे त्योहारों पर यात्रियों को मनमाने किराये का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि यात्रियों को पहले से टिकट बुक करनी चाहिए या लखनऊ और वाराणसी जैसे वैकल्पिक रूट्स का चयन करना चाहिए ताकि खर्च कम किया जा सके।