बराबर गुफाओं के विकास को मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री नीतीश ने किया स्थल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड अंतर्गत वाणावर क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वाणावर पर्वत स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में श्रावणी मेले के दौरान आए श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और मेले की व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। जलाभिषेक करने वालों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने आमजन की समस्याएं भी सुनीं और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

वाणावर गुफाओं के संरक्षण और पर्यटन विकास पर जोर
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने वाणावर की ऐतिहासिक गुफाओं को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इन गुफाओं का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह ऐतिहासिक धरोहर देखने को मिले। उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयासों की आवश्यकता बताई।

बराबर गुफाएं – मौर्यकाल की स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण
बराबर या वाणावर की गुफाएं भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन शैलकृत गुफाओं में शामिल हैं, जिनका निर्माण मौर्य सम्राट अशोक और उनके उत्तराधिकारी दशरथ के शासनकाल में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। ये गुफाएं मुख्यतः आजीवक संप्रदाय के साधुओं के लिए बनाई गई थीं, जो उस समय एक प्रभावशाली धार्मिक धारा थी।

बराबर पर्वत पर चार प्रमुख गुफाएं स्थित हैं—कार्णचौपर, लोमस ऋषि, सुदामा और विश्वज्योति गुफा। इनमें से सुदामा और लोमस ऋषि गुफाएं वास्तुकला के दृष्टिकोण से विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। लोमस ऋषि गुफा का प्रवेशद्वार स्तूप और चैत्य शैली में निर्मित है, जो बाद में बौद्ध स्थापत्य का आधार बनी।

मौर्यकालीन पॉलिशिंग तकनीक का उत्कृष्ट नमूना
इन गुफाओं की सबसे खास विशेषता इनका अत्यंत चिकना, दर्पण-सा चमकता हुआ आंतरिक भाग है, जो मौर्यकाल की उन्नत पत्थर पॉलिश तकनीक का सजीव प्रमाण है। इन गुफाओं की बनावट ध्वनि की गूंज को बनाए रखने में सहायक होती है, जिससे यह साधना और ध्यान के लिए उपयुक्त स्थान बन जाती हैं।

बराबर गुफाएं न केवल प्राचीन भारतीय स्थापत्य और कला का प्रमाण हैं, बल्कि यह स्थल ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत मूल्यवान है।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मगध क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक क्षत्रनील सिंह, जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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