मोकामा से जेडीयू विधायक अनंत सिंह को दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में बड़ी कानूनी राहत नहीं मिल सकी है। पटना सिविल कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह वही मामला है, जिसमें विधानसभा चुनाव के दौरान गोलीबारी और हिंसा के बीच दुलारचंद की हत्या हुई थी। इसी घटना के बाद वोटिंग से पहले ही अनंत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
जमानत अर्जी में अनंत सिंह ने खुद को राजनीतिक साजिश का शिकार बताया। उनका कहना था कि पूरे प्रकरण से उनका कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव नहीं है और उन्हें चुनावी छवि खराब करने के लिए फंसाया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट से निष्पक्ष सुनवाई की मांग की थी, लेकिन दलीलों से अदालत संतुष्ट नहीं हुई।
1 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी
मोकामा में चुनावी माहौल के बीच दुलारचंद की हत्या ने तनाव बढ़ा दिया था। शुरुआती जांच के आधार पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई और अनंत सिंह को 1 नवंबर को हिरासत में ले लिया गया। अगले दिन उन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में बेउर जेल भेज दिया गया।
पांचवीं बार विधायक बने अनंत सिंह
अनंत सिंह इस सीट से लगातार अपना प्रभाव बनाए हुए हैं और हालिया चुनाव में उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार को 28 हजार से अधिक मतों से हराकर पांचवीं बार विधानसभा में प्रवेश किया। हालांकि, हत्याकांड में नाम आने के बाद से उनका राजनीतिक भविष्य दबाव में आ गया है।
घटना पर अनंत सिंह की प्रतिक्रिया
वारदात के बाद उन्होंने दावा किया था कि वह अपने समर्थकों के साथ टाल इलाके में प्रचार कर रहे थे। तभी कई गाड़ियों के काफिले को देखकर उन्हें लगा कि कोई अन्य दल प्रचार कर रहा है, लेकिन अचानक नारेबाजी शुरू हो गई। उनके अनुसार, इसके तुरंत बाद कुछ वाहनों पर पथराव हुआ, मानो पूरी रणनीति बना कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई हो।
अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि दुलारचंद सूरजभान के करीबियों में शामिल था और विवाद को भड़काने की पूर्व तैयारी की गई थी।