पटना। बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही केंद्रीय जांच एजेंसियों की सक्रियता बढ़ गई है। इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में मंगलवार को पटना के ठेकेदार रिशुश्री से जुड़े नौ ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी अहमदाबाद, सूरत, गुरुग्राम और नई दिल्ली में एक साथ की गई।

जांच के दौरान एजेंसी ने डिजिटल उपकरण, कई डायरी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। इसके अलावा 33 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए।

रिशुश्री वह ठेकेदार है, जिसकी फर्में बिहार सरकार के जल संसाधन, पीएचईडी, शिक्षा, नगर विकास, भवन निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदार या उप-ठेकेदार के रूप में कार्य करती रही हैं। आरोप है कि ठेका पाने के एवज में रिशुश्री की फर्म अधिकारियों को मोटा कमीशन देती थी।

इस मामले में जून महीने में भी उसके ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जिसमें अधिकारियों के साथ सांठगांठ के प्रमाण मिले थे। इसके पहले मार्च में ट्रैवल एजेंटों और सरकारी अधिकारियों के आवासीय परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 11.64 करोड़ रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए थे।

ईडी ने आगे की कार्रवाई में रिशुश्री और उसके परिवार के सदस्यों की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कुल कीमत 68.09 करोड़ रुपये बताई गई। रिशुश्री का नाम पहली बार आईएएस संजीव हंस पर चल रहे मामलों में सामने आया था। आरोप है कि उसने कई लोगों के नाम पर कंपनियां बनाकर सरकारी टेंडर प्रभावित किए। मामले की जांच अभी जारी है।