एसटेट अभ्यर्थियों का हल्ला बोल: बोले- नहीं होगी परीक्षा तो नहीं मिलेगा वोट

बिहार में TRE-4 से पहले अब STET अभ्यर्थियों का विरोध तेज हो गया है। जहां पहले प्रदर्शन का केंद्र डोमिसाइल नीति था, अब उम्मीदवार STET परीक्षा की शीघ्रता से आयोजित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। पटना में हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि सरकार जब तक STET परीक्षा आयोजित नहीं करती, तब तक TRE-4 की वैकेंसी निकालना अन्यायपूर्ण है।

गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने के लिए STET उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने अभी तक STET पास नहीं किया है, वे इस पात्रता के बिना आगामी शिक्षक भर्ती में भाग नहीं ले पाएंगे।

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार को TRE-5 से पहले STET परीक्षा अवश्य आयोजित करनी चाहिए। हालांकि, मुख्यमंत्री पहले ही यह आश्वासन दे चुके हैं कि TRE-5 की परीक्षा से पहले STET कराया जाएगा।

दो साल से लंबित है STET परीक्षा

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले दो वर्षों से STET परीक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार ने पहले यह कहा था कि STET साल में दो बार आयोजित की जाएगी, लेकिन पिछले दो सालों में एक भी परीक्षा नहीं हुई। इससे लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है।

प्रदर्शनकारियों ने पटना विश्वविद्यालय से लेकर डाकबंगला चौराहा तक रैली निकाली और मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें डाकबंगला चौराहा पर ही रोक दिया।

“STET नहीं तो वोट नहीं” के लगे नारे

अभ्यर्थियों ने नारा दिया – “STET नहीं तो वोट नहीं”, और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करेंगे। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम सरकार से नौकरी नहीं मांग रहे, केवल पात्रता की परीक्षा की मांग कर रहे हैं। जब डोमिसाइल नीति लागू की जा सकती है, तो STET परीक्षा लेने में क्या दिक्कत है?”

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर युवाओं को भ्रमित कर रही है। “2023-24 के अभ्यर्थियों को अब तक परीक्षा देने का मौका नहीं मिला है। ऐसे में TRE-4 निकालना सिर्फ छलावा है,” उन्होंने कहा।

अभ्यर्थियों की यह मांग है कि STET और BTET दोनों परीक्षाएं जल्द से जल्द आयोजित की जाएं, ताकि वे शिक्षक बनने की प्रक्रिया में आगे बढ़ सकें।

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