बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सरकार की चुप्पी, खरगे ने उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर संसद में चर्चा से बच रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस विषय पर गंभीर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है।

खरगे ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मुद्दे को बहस से बाहर रखना चाहती है, तो यह समझा जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान की भावना के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “एसआईआर जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा इसलिए ज़रूरी है ताकि प्रत्येक नागरिक के मताधिकार की रक्षा सुनिश्चित हो सके।”

क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)?

यह एक प्रक्रिया है जिसके तहत चुनाव आयोग मतदाता सूची की गहराई से समीक्षा करता है। इसका उद्देश्य गलत प्रविष्टियों, अपात्र मतदाताओं और दोहराव को हटाना और पात्र नए मतदाताओं को सूची में शामिल करना होता है।

विपक्ष को क्या आपत्ति है?

विपक्षी दलों को आशंका है कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शिता से दूर है और इसके चलते बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम बिना जानकारी के हटाए जा सकते हैं। इससे कई लोगों का वोट डालने का अधिकार प्रभावित हो सकता है। इसी कारण विपक्ष संसद में इस मुद्दे पर खुली बहस की मांग कर रहा है।

सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

खरगे ने केंद्र सरकार की खामोशी को संदेहजनक बताते हुए कहा कि यदि सरकार वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है, तो उसे एसआईआर पर खुलकर चर्चा से परहेज़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार का लगातार चर्चा से बचना इस बात की ओर संकेत करता है कि वह इस संवेदनशील विषय पर जवाबदेही से बचना चाहती है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here