सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार और पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू से जुड़े कथित निजी वीडियो के वायरल होने के दावे ने चुनावी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे इन वीडियोज ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है। हालांकि अब तक इनकी प्रामाणिकता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और न ही भाजपा प्रत्याशी की ओर से कोई विस्तृत प्रतिक्रिया जारी की गई है।
सूत्रों के अनुसार, दो अलग-अलग वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। एक क्लिप में एक व्यक्ति को महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाने का दावा किया गया है, जबकि दूसरे में वीडियो कॉल के दौरान कथित रूप से अनुचित व्यवहार दिखाई दे रहा है।
विपक्ष ने साधा निशाना, भाजपा ने बताया साजिश
जैसे ही वीडियो वायरल हुए, विपक्षी दलों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। वहीं भाजपा समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि प्रत्याशी की छवि धूमिल करने के लिए यह कदम उठाया गया है। कई लोगों ने वीडियोज को फर्जी या मॉर्फ्ड बताया और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
‘पहले भी फैलाया गया था यही वीडियो’ – पिंटू
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रत्याशी सुनील पिंटू ने कहा कि यह वही वीडियो है, जो दो वर्ष पहले भी वायरल किया गया था, जब वे सांसद थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय भी उन्हें टिकट से वंचित करने के लिए यह वीडियो प्रसारित किया गया था।
पिंटू ने कहा, “जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंच से मेरे नाम की घोषणा की, तभी विरोधियों ने मुझे बदनाम करने के लिए यह वीडियो फिर से फैलाया। इस मामले में पहले ही दो करोड़ रुपये की मांग की गई थी और तीन लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं।”
उन्होंने इसे पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए जनता से अपील की कि वे भ्रामक प्रचार पर भरोसा न करें और सच्चाई सामने आने का इंतजार करें।
सीतामढ़ी में इस घटना ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है, जहां समर्थक और विरोधी दोनों ही सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।