पटना। बिहार की राजनीति में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के भीतर संकट लगातार गहराता जा रहा है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया है।

रोहिणी ने दावा किया कि उन्हें तेजस्वी यादव और उनके करीबी सहयोगी संजय यादव व रमीज ने परिवार से बाहर निकाल दिया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार पर सवाल उठाने के बाद उन्हें अपमानित किया गया। एएनआई से बातचीत में रोहिणी ने बताया कि जैसे ही उन्होंने संजय यादव और रमीज का नाम लिया, उन्हें घर से निकाल दिया गया, गालियां दी गई और मारपीट भी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि अब उनका कोई परिवार नहीं है और परिवार की जिम्मेदारी तेजस्वी और उनके साथियों पर है।

संजय यादव और रमीज कौन हैं?
रोहिणी के अनुसार, संजय यादव तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से हैं। हरियाणा में जन्मे संजय यादव 2012 में राजद से जुड़े और 2024 में राज्यसभा सदस्य बने। वहीं, रमीज तेजस्वी का पुराना दोस्त है, जिसका संबंध उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिवार से है। रोहिणी ने आरोप लगाया कि इन्हीं दोनों ने उन्हें राजनीति और परिवार दोनों से दूर रहने को कहा।

भाजपा की प्रतिक्रिया
पहले अलगाव की घोषणा करते हुए रोहिणी ने कहा कि वह राजनीति और परिवार दोनों छोड़ रही हैं और इसके लिए उन्हें मजबूर किया गया। इस पर बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि रोहिणी ने लालू यादव को बचाने के लिए अपनी किडनी तक दान की थी, और अब परिवार का टूटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि यदि परिवार किसी एक व्यक्ति के कारण बिखर रहा है, तो यह स्वीकार्य नहीं है।

बिहार चुनाव में राजद की करारी हार
यह विवाद उस समय सामने आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा। 75 सीटों वाली पार्टी केवल 25 सीटों पर सिमट गई, जो 2010 के बाद उसका सबसे खराब प्रदर्शन है। महागठबंधन की स्थिति 40 सीटों के नीचे रह गई, जिससे सरकार बनाने की राह कठिन हो गई। तेजस्वी यादव के नेतृत्व के बावजूद पार्टी अपनी पकड़ बनाए नहीं रख पाई।