बिहार में जाति आधारित जनगणना और भूमि रिकॉर्ड में जातियों को उप-जातियों में बांटने के विवाद के बीच नया मोड़ आया है। भूमिहार जाति और भूमिहार ब्राह्मण को लेकर पिछले दो महीनों से विवाद तेज था और मामला सवर्ण आयोग तक पहुंच गया था। विवाद को लेकर सरकार को अब फैसला करना था कि खतियान में जाति “भूमिहार” लिखी जाए या “भूमिहार ब्राह्मण।”
सोमवार को मुजफ्फरपुर में भूमि सुधार जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने साफ निर्देश दे दिया। उन्होंने राज्य के सभी अंचल अधिकारियों और भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारियों को आदेश दिया कि खतियानों में अब से भूमिहार ब्राह्मण ही लिखा जाएगा।
यह आदेश एक नागरिक द्वारा शिकायत प्रस्तुत करने के बाद दिया गया। उस व्यक्ति ने कहा कि उसके खतियान में केवल “भूमिहार” दर्ज है, जबकि इलाके में ज्यादातर लोग ब्राह्मण भूमिहार जाति से हैं। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक जाति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि खतियान में अब से भूमिहार ब्राह्मण ही लिखा जाएगा और पहले की तरह कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
विजय सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी अधिकारियों को इसका तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब भूमि रिकॉर्ड में जाति संबंधी त्रुटियों को सही किया जाएगा और आम लोगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
इस निर्णय से बिहार में भूमिहार और भूमिहार ब्राह्मण वर्ग के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को एक नया समाधान मिल गया है।