बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार की अगुवाई में भाजपा प्रस्तावित विधानसभा चुनाव लड़ेगी. नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे. बीजेपी के आला सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ी जाएगी. फिलहाल बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है. और अब चुनाव से पहले बिहार में भाजपा नेतृत्व ने भी साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही पार्टी चुनाव लड़ेगी. बता दें कि पहले नीतीश कुमार ने आरजेडी से मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन बाद में नीतीश कुमार भाजपा के साथ आ गए. राजद फिलहाल विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभा रही है.

बता दें की नीतीश कुमार का पाला बदलने का इतिहास रहा है और अब तक उन्होंने ऐसा चार बार किया है. ऐसे में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है और चुनाव से बहुत पहले ही साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे.

नीतीश कुमार का पाला बदलने का रहा है इतिहास

नीतीश कुमार ने पहली बार 2013 में भाजपा के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोड़कर पाला बदला था. साल 2015 में उन्होंने राजद के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, राजद के तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने 2017 में गठबंधन तोड़ दिया और भाजपा में वापस आ गए.

उन्होंने 2019 का लोकसभा और 2020 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा. 2022 में उन्होंने फिर से एनडीए छोड़ दिया और राजद से हाथ मिला लिया. जनवरी 2024 में उन्होंने फिर से राजद छोड़ दिया और भाजपा के साथ राज्य में सरकार बनाई.

नीतीश ने बिहार में शुरू की है प्रगति यात्रा

इस बीच नीतीश कुमार ने बिहार में प्रगति यात्रा शुरू की है और वो राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. दौरे के दौरान विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं. साथ ही जिले की विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं. बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन एवं संबंधित समस्याओं होती है.

बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी जाती है और सभी समस्याओं के यथाशीघ्र समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश जा रहे हैं.

नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को चुनाव से पहले उनका जनसंपर्क अभियान माना जा रहा है. इसके साथ ही इस यात्रा के माध्यम से वह जनता के पास जा रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और उनके समाधान के निर्देश दे रहे हैं.