नीतीश के ‘राम’ अब प्रशांत किशोर के साथ, आरसीपी सिंह ने थामा जन सुराज का दामन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने रविवार को जन सुराज की सदस्यता ग्रहण कर ली। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर अपनी नई पार्टी बनाई थी। अब उन्होंने अपनी पार्टी का विलय प्रशांत किशोर की जन सुराज में कर दिया है।

भाजपा में शामिल होने से पहले आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री पद पर जदयू के कोटे से थे। कहा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके संबंध बिगड़ गए थे। बाद में, जब नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटे, तो आरसीपी सिंह भाजपा में हाशिए पर आ गए। प्रशांत किशोर ने इसी स्थिति का लाभ उठाकर आरसीपी सिंह को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।

बिहार में जदयू के संगठन को मजबूत बनाने में आरसीपी सिंह का योगदान महत्वपूर्ण रहा है, और प्रशांत किशोर का मानना है कि यही क्षमता जन सुराज में भी उनके काम आएगी।

आरसीपी सिंह की अपील

आरसीपी सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि उन्होंने अपनी पार्टी “आशा (आप सब की आवाज)” का जन सुराज में विलय कर दिया है। प्रशांत किशोर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कदम उठाएंगे, लेकिन परिस्थितियों ने यही राह दिखाई। उन्होंने जदयू नेताओं से अपील की कि जो लोग नीतीश कुमार की असली सोच के समर्थक थे, वे अब जन सुराज से जुड़ें, क्योंकि जदयू में राजनीति और जनसेवा का महत्व अब नहीं बचा है।

पिछली साल बनाई थी पार्टी

31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के मौके पर आरसीपी सिंह ने जदयू से अलग होकर अपनी नई पार्टी ‘आशा’ की नींव रखी थी। उन्होंने इसे “आप सबकी आवाज” का प्रतीक बताया था। पार्टी का झंडा तीन रंगों (हरा, पीला, नीला) में आयताकार था, जिसमें पीले भाग में काले रंग से पार्टी का लोगो था। उन्होंने दावा किया था कि करीब 140 लोग पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे।

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