राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और सारण से पूर्व प्रत्याशी रोहिणी आचार्य ने रविवार को एक्स पर एक और भावनात्मक पोस्ट डालकर नए सिरे से हलचल पैदा कर दी। उन्होंने लिखा कि शनिवार को एक "बेटी, बहन, पत्नी और मां" के रूप में उन्हें अपमानित किया गया, गंदी भाषा का प्रयोग हुआ और यहां तक कि उन्हें मारने के लिए चप्पल तक उठाई गई।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों से दूरी बनाने का ऐलान किया था। रविवार को उसी फैसले पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मसम्मान और सच से समझौता न करने की कीमत उन्हें बेइज्जती के रूप में चुकानी पड़ी।

उन्होंने आगे लिखा कि मजबूरी में रोते हुए माता-पिता और बहनों को छोड़कर उन्हें घर से जाना पड़ा। पोस्ट में रोहिणी ने दुख जताया कि उनसे "मायका छीन लिया गया" और उन्हें "अनाथ जैसी स्थिति में छोड़ दिया गया"। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोई भी बेटी उनके जैसे हालात का सामना न करे।

तेजस्वी के सहयोगियों पर गंभीर आरोप

शनिवार को रोहिणी ने अपने भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सीधे आरोप लगाए थे कि बिहार चुनाव में पार्टी की हार को लेकर जवाबदेही मांगने पर उन्हें निशाना बनाया गया। उनका कहना था कि तेजस्वी और उनके करीबी सहयोगी संजय यादव और रमीज ने उन्हें परिवार से अलग कर दिया।

एएनआई से बातचीत में रोहिणी ने दावा किया कि जैसे ही उन्होंने इन दोनों का नाम लिया, उनके साथ बदसलूकी की गई, गालियां दी गईं और उन्हें घर से निकाल दिया गया। उनका कहना है कि अब उनका कोई परिवार नहीं है और जो भी जिम्मेदारी है, वह तेजस्वी और उनके करीबियों की है।

संजय यादव और रमीज कौन हैं?
संजय यादव को तेजस्वी यादव का सबसे विश्वसनीय रणनीतिक सहयोगी माना जाता है। हरियाणा में जन्मे संजय 2012 में राजद से जुड़े और 2024 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजा। रमीज को तेजस्वी का पुराना मित्र बताया जाता है, जिनकी पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से जुड़ी है। रोहिणी का आरोप है कि इन्हीं दोनों ने उन्हें राजनीति और परिवार दोनों से दूर जाने के लिए मजबूर किया।