प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में घिरे कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद को दरभंगा कोर्ट से बड़ी राहत नहीं मिल सकी है। अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने मंगलवार को नौशाद की अग्रिम जमानत याचिका (संख्या 1344/25) को खारिज कर दिया। साथ ही दरभंगा एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी को निर्देश दिया गया है कि आरोपी का पूरा आपराधिक इतिहास अदालत में प्रस्तुत किया जाए।
भाजपा जिलाध्यक्ष की शिकायत पर दर्ज हुआ था केस
यह मामला भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण चौधरी की शिकायत पर दर्ज हुआ। उन्होंने सिमरी थाना में एफआईआर कराते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता नौशाद ने प्रधानमंत्री और उनकी स्वर्गीय माता के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस पर सिमरी थाना कांड संख्या 243/25 दर्ज की गई और नौशाद को नामजद अभियुक्त बनाया गया।
कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी किया इनकार
सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक अमरेंद्र नारायण झा ने अग्रिम जमानत का कड़ा विरोध किया। अभियोजन पक्ष की दलीलों को देखते हुए अदालत ने न केवल जमानत याचिका खारिज कर दी, बल्कि गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। नौशाद की ओर से मौखिक रूप से गिरफ्तारी पर रोक की गुहार लगाई गई थी, मगर अदालत ने उसे अस्वीकार कर दिया।
23 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
न्यायालय ने दरभंगा जिले के सभी थानों से नौशाद का आपराधिक रिकॉर्ड जुटाने का आदेश दिया है। इस आदेश की प्रति दरभंगा एसएसपी को भेजी गई है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि आरोपी गिरफ्तारी से बचता है, तो उसकी अग्रिम जमानत पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को की जाएगी।
सह-अभियुक्त पहले से जेल में
इसी मामले में एक अन्य आरोपी मोहम्मद रिजवी उर्फ राजा पहले से ही 29 अगस्त से न्यायिक हिरासत में है। उसकी ओर से मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) दरभंगा की अदालत में नियमित जमानत याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई बुधवार को होनी है।