पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को सहरसा कोर्ट में पेशी के बाद बिहार की चुनावी प्रक्रिया पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग की मदद से भाजपा ने राज्य में सुनियोजित तरीके से वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी कर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया।

सांसद ने कहा कि विधानसभा चुनाव में 127 सीटें ऐसी हैं, जहां महागठबंधन बेहद कम अंतर से हारा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन इलाकों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई और यादव, अल्पसंख्यक, एससी-एसटी और अति पिछड़ा वर्ग के हजारों मतदाताओं के नाम बिना कारण काट दिए गए।

मुख्य चुनाव आयुक्त पर पक्षपात का आरोप
पप्पू यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई क्षेत्रों में जब बैलेट पेपर की गिनती हुई तो महागठबंधन आगे था, लेकिन ईवीएम के नतीजे पूरी तरह उल्टे आए।

मतदान संख्या में अंतर
सांसद ने बताया कि मतदान सूची में 7 करोड़ 42 लाख मतदाता दर्ज थे, लेकिन मतदान के बाद गिनती में यह संख्या बढ़कर 7 करोड़ 45 लाख हो गई। पप्पू यादव ने कहा कि यह अंतर चुनाव की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

भाजपा पर धन और मतदाता प्रभावित करने के आरोप
उन्होंने भाजपा पर चुनाव से पहले 'जीविका दीदियों' के खातों में 10-10 हजार रुपये डालने और उन्हें चुनावी गतिविधियों में लगाने का आरोप भी लगाया। साथ ही, प्रवासी मतदाताओं को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करने की भी बात कही।

नीतीश कुमार को चेतावनी और पीएम बनने की अपील
भविष्य की राजनीति पर बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि एनडीए की जीत जनता की मर्जी नहीं बल्कि "मशीनों की करामात" है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा से सावधान रहने की चेतावनी दी और उन्हें केंद्र की राजनीति में सक्रिय होकर प्रधानमंत्री बनने की अपील की।