बिहार सरकार अवैध खनन के मामलों में कड़ा रुख अपनाने जा रही है और किसी भी स्तर पर राजस्व लक्ष्य से समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान उप मुख्यमंत्री एवं खान एवं भू-तत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को विभागीय कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिया। बैठक में विभाग के सचिव देवेश सेहरा, निदेशक मनेश कुमार मीणा, अपर सचिव भारत भूषण प्रसाद समेत सभी जिलों के खनिज विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित राजस्व समाहरण लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करें। विशेष रूप से पटना, रोहतास, औरंगाबाद और गया जैसे पिछड़े जिलों की अलग से समीक्षा की जाएगी। निदेशक मनेश कुमार मीणा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सभी जिलों को तीन दिनों के भीतर लक्ष्य प्राप्ति के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।

ईंट भट्टों से खनन समेकित शुल्क वसूलने में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही अवैध खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्यभर में 400 पुलिस कर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा जाएगा। सहयोग नहीं करने वाले थानों की सूची भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

दरभंगा जिले में कार्य में लापरवाही और अनियमितताओं के कारण खन निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। खनिज विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।

उप मुख्यमंत्री ने बालू घाटों की निगरानी और निष्पादन को भी सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। इसके तहत बालू घाटों तक जाने वाले मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और अनियमित बालू घाटों की शीघ्र नीलामी सुनिश्चित की जाएगी। जब्त बालू का 15 दिनों के भीतर निष्पादन अनिवार्य होगा। इसके अलावा, ईंट भट्टों और बालू घाटों में कार्यरत कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी करने और भंडारण अनुज्ञप्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 29 दिसंबर और 16 जनवरी को विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।