त्रिवेणीगंज प्रखंड के जदिया थाना क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय इस्लामपुर गंभीर संकट में है। सुपौल-गलगलिया रेलवे परियोजना के विस्तार के चलते विद्यालय की पूरी जमीन परियोजना के दायरे में आ गई है, जिससे स्कूल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
विद्यालय की स्थापना 2006 में हुई थी और 2007 से इसका नियमित संचालन शुरू हुआ। शुरुआती वर्षों में जमीन न होने के बावजूद, तत्कालीन प्रधानाध्यापक मु. इरफान के प्रयासों से 2011 में दो कट्ठा जमीन उपलब्ध कराई गई, जिसका निबंधन भी कराया गया। तभी से विद्यालय इसी जमीन पर संचालित हो रहा है।
वर्तमान में इस विद्यालय में 102 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षा देने के लिए तीन पुरुष और एक महिला शिक्षक कार्यरत हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षक नियमित रूप से पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाओं की स्थिति चिंताजनक है। स्कूल परिसर में केवल एक शौचालय है और वह भी बिना फाटक के, जो सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से जोखिम भरा है।
अब यह संकट और बढ़ गया है। विद्यालय के ठीक पीछे रेलवे पुल निर्माण शुरू हो गया है और रेलवे परियोजना के दायरे में स्कूल की पूरी जमीन आ गई है। प्रधानाध्यापक मु. इरफान ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मौखिक रूप से समस्या की जानकारी दे दी गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है।
स्थानीय ग्रामीण और अभिभावक जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और रेलवे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि विद्यालय के लिए वैकल्पिक भूमि या सुरक्षित भवन की व्यवस्था तुरंत की जाए, ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।
इस क्षेत्र में यह पहला मामला नहीं है। परसागढ़ी दक्षिण पंचायत के प्राथमिक विद्यालय मुसहरी टोला कुपाड़ी भी इसी समस्या का सामना कर रहा है, जहां रेलवे द्वारा विद्यालय प्रांगण में मिट्टी का कार्य शुरू कर दिया गया है।