तेजस्वी यादव ने लिया फैसला! इन विधायकों पर चुनाव में पार्टी नहीं लगाएगी दांव

बिहार के राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चा को मानें तो कम से कम पांच ऐसे विधायक हैं, जिनका इस बार आरजेडी से टिकट कटना तय माना जा रहा है. खास बात यह कि यह सभी विधायक यादव हैं. तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस बार टिकट वितरण में किसी की भी पैरवी नहीं चलेगी. न तो किसी के फोन को ही सुना जाएगा. तेजस्वी यादव ने यह बातें पिछले दिनों फुलपरास में कहा था. मिल रही खबर के अनुसार राजद का शीर्ष नेतृत्व भी तेजस्वी यादव की इस बात से सहमत है.

आरजेडी से जुड़े लोगों की मानें तो सोनपुर से पार्टी के विधायक रामानुज यादव भी आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व के रडार पर हैं. रामानुज यादव कई बार विधायक रह चुके हैं. इनकी गिनती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबियों में होती है. बताया जा रहा है कि इनके कामकाज से क्षेत्र की जनता नाराज है. दूसरा यह कि इस सीट से लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य की चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हैं. इस सीट से कभी लालू प्रसाद और राबड़ी देवी भी विधायक रह चुकी हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि इस सीट के लिए रोहिणी यादव ने क्षेत्र के आरजेडी कार्यकर्ताओं से संपर्क में भी हैं.

विभा देवी की दावेदारी पर भी शंका

आरजेडी सूत्रों के अनुसार जिस पार्टी विधायक की टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, उनमें नवादा से विधायक विभा देवी का नाम भी शामिल है. कहा जा रहा है कि विभा देवी के पति राजबल्लभ यादव हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में इनके देवर राजद के टिकट के दावेदार थे. लेकिन उनको टिकट नहीं मिली. जिसके बाद उनके देवर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए थे. विभा देवी ने अपने देवर के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. कहा जा रहा है कि इस प्रकरण के बाद विभा देवी ने न तो राजद के शीर्ष नेतृत्व से कभी मुलाकात की है और न ही पार्टी के किसी मीटिंग में शामिल हुई हैं.

श्रीकांत यादव पर नजर

पिछले विधानसभा चुनाव में एकमा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीतने वाले श्रीकांत यादव भी मिली जानकारी के अनुसार राजद के शीर्ष नेतृत्व के सर्वे में खरे नहीं उतर पाए हैं. बताया जा रहा है कि श्रीकांत यादव का बिजनेस कोलकाता में हैं. जिस कारण उनका ज्यादातर वक्त कोलकाता में ही गुजरता है. क्षेत्र की जनता से उनका संपर्क बहुत ही कम हो पाता है. यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा में भी इनकी उपस्थिति बहुत कम है. श्रीकांत यादव से संगठन के नेता, कार्यकर्ता भी नाखुश हैं. इस कारण राजद शायद इस बार इस सीट से नया चेहरा मैदान में उतार सकती है. श्रीकांत यादव पहली बार विधायक बने थे.

रीतलाल पर टिकी निगाहें

आरजेडी की सूची में दानापुर से विधायक रीतलाल यादव का नाम शामिल है. आरजेडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रीतलाल यादव पर राजद के शीर्ष नेतृत्व की निगाहें तिरछी हैं. इसके पीछे का कारण हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम को बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि गत साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी को पेश किया थ.

अगर इस चुनाव में मीसा भारती को जीत हासिल हुई थी, लेकिन इस लोकसभा सीट में आने वाली दानापुर विधानसभा सीट पर मीसा भारती को सबसे कम वोट मिले थे, जबकि दानापुर के सिटिंग विधायक रीतलाल यादव राजद के ही विधायक हैं. बताया जा रहा है कि राजद का शीर्ष नेतृत्व इस बात को मान रहा है कि रीतलाल यादव ने न तो मीसा भारती के लिए चुनाव प्रचार किया न संगठन की मजबूती के लिए कार्य किया.

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